भारतीय परंपरा में पति-पत्नी का रिश्ता जन्म-जन्मांतरों का माना जाता है, लेकिन यह भी सच है कि ज्यादातर पति अपनी पत्नियों की उपेक्षा भी करते हैं। एक पत्नी की अपने पति से जो उम्मीदें होती हैं, उन्हें वह ठीक से पूरा नहीं कर पाते।
रिलेशनशिप में पार्टनर पर ज्यादा निर्भरता ठीक नहीं है। इससे अपना व्यक्तित्व कमजोर पड़ने लगता है। खास कर महिलाओं को हर हाल में अपना स्वतंत्र वजूद कायम रखना चाहिए।
कई बार ब्रेकअप के बाद भी पार्टनर दोस्ती बनाए रखना चाहते हैं। यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है कि ऐसा संभव है या नहीं। ब्रेकअप के बाद पार्टनर से दोस्ती रखें या नहीं, इसे लेकर ठीक से विचार कर लेना चाहिए।
प्रेम का आकर्षण भी अजीब होता है। कभी-कभी लोग ऐसे व्यक्ति के प्रेम में पड़ जाते हैं, जो उन्हें प्यार नहीं करता। लेकिन उन्हें यह वहम होता है कि जिसे वे चाहते हैं, वह भी उनसे प्यार करता है।
इंटरनेट के तेजी से बढ़ते प्रसार, सोशल साइट्स और डेटिंग साइट्स के आ जाने से रिलेशनशिप बनाने के लिए अब युवाओं का रुझान इस तरफ बढ़ रहा है।
ऐसा कई बार होता है कि लोग मन ही मन किसी को चाहने लगते हैं। कई बार तो शर्म और संकोच की वजह से वे अपने दिल की बात नहीं बता पाते। अगर बताते भी हैं तो यह कतई जरूरी नहीं कि आपका प्रस्ताव स्वीकार ही कर लिया जाएगा।
कहा गया है कि जरूरत से ज्यादा कभी नहीं बोलना चाहिए। जिन लोगों को ज्यादा बोलने की आदत होती है, वे कभी-कभी कुछ ऐसी बातें भी कह देते हैं, जिनसे रिलेशनशिप पर बुरा असर पड़ता है।
आजकल रिश्ते बहुत कॉम्पलिकेटेड हो गए हैं। लोगों में असहनशीलता बढ़ती जा रही है। मामूली बातों पर पार्टनर्स एक-दूसरे में कमियां निकालने लगते हैं। इससे रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगती हैं।
अब समय में काफी बदलाव आ चुका है। पहले बच्चों की शादी मां-बाप और घरवाले ही तय करते थे, लेकिन अब युवा खुद अपनी मर्जी से जाति और धर्म के बंधनों को तोड़ कर शादी करने लगे हैं।
संबंध बनाना जितना आसान होता है, उसे निभाना उतना ही कठिन। अक्सर देखा गया है कि रिलेशनशिप के कुछ ही समय के बाद पार्टनर्स में विवाद होने लगते हैं।