PODCAST: प्रो. अशोक और डॉ. जय प्रकाश से जानिए लंग्स कैंसर से बचाव के उपाय और भविष्य की संभावनाएं
लंग्स कैंसर की देखभाल और ठीक समय पर इसका पता लगाना काफी कठिन होता है। इसी को लेकर प्रो. अशोक और डॉ. जय प्रकाश ने एशियानेट न्यूज के साथ खास बातचीत की।
लंग्स कैंसर से बचाव को लेकर एशियानेट न्यूज ने आईआईएससी बेंगलुरु के प्रो अशोक एम रायचूर और डॉ जय प्रकाश से बातचीत की। इस दौरान प्रो. अशोक ने बताया कि लंग्स कैंसर को शुरुआती दौर में डायग्नोस करना और इसका इलाज करना काफी कठिन होता है। हालांकि बेहतर जीवन और इसके उपचार को प्रभावी करने के लिए हमें इसे प्रारंभिक चरण में पता लगाने की संभावना बढ़ाने की आवश्यकता है। मौजूदा प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हमारे पास उपचार के तरीके हैं, लेकिन हमारे पास इस रोग की समस्या का निदान करने के लिए पर्याप्त तरीके नहीं हैं। उन्होंने बताया कि आमतौर पर जब हम कैंसर का पता लगाते हैं, तो काफी देर हो चुकी होती है। क्योंकि उस समय कैंसर कोशिकाएं शरीर के मूल भाग, जिसे हम मेटास्टैटिक्स कहते हैं उससे दूर चली गई होती हैं, और वे शरीर के अन्य हिस्सों में जाना शुरू कर देती हैं। तो इसीलिए उस चरण में, जिसे हम तीसरा या चौथा चरण कहते हैं, देर हो जाती है, जबकि शुरुआती चरण में कैंसर कोशिकाएं शरीर के एक हिस्से तक ही सीमित होते हैं या वे बहुत कम संख्या में मौजूद होते हैं।
वहीं डॉ जयप्रकाश ने बताया कि तो यदि आप मौजूदा तरीकों को देखते हैं तो मूल रूप से आपके पास एक्स रे, सिटी स्कैन, एमआर जैसी चीजे हैं। इसी के साथ कई अन्य तरीके हैं जिनसे आप कैंसर का पता लगा सकते हैं। यदि आप एक्स रे या अन्य तरीकों को देखे तो यह आयनीकृत विकिरण या रेडियोधर्मी तत्वों का उपयोग कर रहे हैं जो शरीर के लिए हानिकारक हैं। लंग्स कैंसर को लेकर यदि आप इमेजिंग तकनीकि एमआर या अल्ट्रासाउंड से कुछ भी पता लगाने का प्रयास करते हैं तो यह काफी कठिन है। क्योंकि फेफड़ों में काफी अधिक हवा होती है। लिहाजा हम इन तकनीकों का उपयोग नहीं कर सकते हैं।