Chandra Grahan March 2024 Date: इस बार होली पर चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है। कईं दशकों में एक बार ऐसा संयोग बनता है। इसे लेकर लोगों के मन में ये शंका है कि क्या चंद्र ग्रहण के दौरान रंग-गुलाल से होली खेल सकते हैं।
Holashtak 2024: धर्म ग्रंथों के अनुसार, होली के पहले आने वाले 8 दिनों को होलाष्टक कहा जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किए जाते। होलाष्टक में कुछ खास उपाय करने से दुर्भाग्य से बचा जा सकता है।
हिंदू धर्म में कई ऐसे ग्रंथ हैं जिनमें लाइफ मैनेजमेंट के सूत्र बताए गए हैं। जिन्हें अपनाकर आप हर परेशानियों से छुटकारा पाकर आराम से जिंदगी जी सकते हैं। इन्हीं पुराणों में से एक है गरुड़ पुराण।
साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण मार्च महीने में होने जा रहा है। ये चंद्र ग्रहण किस राशि में होगा, इसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है। आगे जानिए इन लोगों को अभी से क्यों सावधान हो जाना चाहिए?
जब भी हम किसी विद्वान या उम्र में बड़े व्यक्ति से मिलते हैं तो उनके पैर छूकर आशीर्वाद जरूर लेते हैं। हिंदू धर्म में पैर छूकर आशीर्वाद लेने की परंपरा काफी पुरानी है। इसके बहुत सारे फायदे भी हैं।
Ujjain Simhastha 2028 Date: कुंभ मेला हिंदुओं का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होता है। ये मेला देश भर में सिर्फ 4 स्थानों पर लगता है। साल 2028 में कुंभ मेला मध्य प्रदेश के उज्जैन में आयोजित होगा। इस मेले में 14 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है।
महिलाओं को अपने बाल संवारते समय कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। ये बातें इनका सौभाग्य बढ़ा भी सकती हैं और इनका ध्यान न रखने पर इनके सौभाग्य में कमी भी आ सकती है।
हिंदू धर्म में कईं नियम हैं। इन नियमों के पीछे कोई न कोई ठोस कारण जरूर होता है। ऐसा ही एक नियम शव से भी जुड़ा है। जब भी किसी की मृत्यु होती है तो इसके बाद उसके शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता। कोई न कोई उसके साथ जरूर रहता है।
Kab Hai Holika Dahan 2024: फाल्गुन पूर्णिमा की शाम को होलिका की पूजा की जाती है और रात में इसका दहन किया जाता है। होलिका दहन करते समय भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है। मान्यता है कि भद्रा में होलिका दहन करना अशुभ होता है।
Amalaki Ekadashi 2024 Date: एकादशी तिथि का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। साल में कुल 24 एकादशी आती है। इन सभी का नाम, महत्व और कथा अलग-अलग है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।