जयपुर, राजस्थान. युवा 'पायलट' अब सरकारी विमान से बाहर कर दिए गए हैं। अब सिर्फ गहलोत अपने जादू से सरकार चलाने की कोशिश करेंगे। रूठे सचिन पायलट को मनाने दिल्ली तक सक्रिय हुई, लेकिन बात नहीं बनी। अंतत: दिन दिनों के नाटकीय घटनाक्रम के बाद पायलट को सरकार के विमान से उतार दिया गया। उनसे उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों का पद छीन लिया गया है। उनके साथ कदमताल मिला रहे दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेशा मीणा को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। गोविंद सिंह डोटासरा अब प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। कांग्रेस में युवा नेतृत्व के तौर पर तेजी से उभरे सचिन पायलट अपनी ही सरकार के लिए दिक्कत बने हुए हैं। डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ बगावत करके सबको चौंका दिया है। हालांकि उनकी नाराजगी के संकेत काफी पहले से मिल चुके थे। वे मप्र के ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर चल पड़े हैं। इसी बीच राजस्थान में गहलोत और पायलट दोनों के समर्थक आमने-सामने आने लगे हैं। जगह-जगह गहलोत के पुतले फूंके गए।
गहलोत सरकार में पर्यटन मंत्री(अब हटाए गए) विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीट करके लिखा कि काटकर जुबान मेरी कह रहा है वो ज़ालिम/अब तुझे इजाज़त है हाले दिल सुनाने की। वहीं, परबतसर से विधायक रामनिवास गांवरिया ने ट्ववीट पर लिखा-'हर किसी का दमन करना बेशक तुम्हारा पेशा है, तुम्हारे दमन को सहना अब ना हमारे बस का है!' नीचे लिखा-'पुरखों के हक और अपमान का बदला लेकर "जादूगर के दमन" का अंत "राजस्थान के पायलट" के नेतृत्व में युवा पीढ़ी करेगी!' देखिए इस पूरे घटनाक्रम से जुड़ीं कुछ तस्वीरें...