बीकानेर (राजस्थान). कहते हैं जज्बा और जुनून हो तो इंसान किसी भी परिस्थिति में कामयाबी हासिल कर ही लेता है। ऐसी प्रेरणादायक कहानी राजस्थान की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. मालविका अय्यर की। जब मालविका 13 साल की थी तो एक ग्रेनेड ब्लास्ट में उन्होंने अपने दोनों हाथों के अगले हिस्से गंवा दिए थे। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। आज उनके हौसले और कामयाबी की चर्चा हर कोई कर रहा है। बता दें, मंगलवार को उनका जन्मदिन था। इस मौके पर उन्होंने ट्विटर पर उस स्पीच को शेयर किया है जिसे उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में दिया था।