रमजान ने बताया कि बेरोजगारी की वजह से मां-बाप ताने देते थे। इस वजह से वह 4 महीने पहले घर छोड़कर प्रयागराज चला गया था। वहां मजदूरी कर रहा था, इतने दिनों में मां-बाप से कोई बात नहीं हुई। पूरी कहानी सुनने के पसीना छूट गया। तुरंत बिजलीपुर में मां सफीकुलनिशा व पिता शब्बीर को फोन कर अपने जिंदा होने की बात बताई।