कोरोना वायरस के वजह से नहीं पढ़ पा रहे हैं बच्चे...तो बच्चों की ऐसे करें मदद

वीडियो डेस्क। वर्तमान समय में बच्चों के लिए अलग से स्टडी रूम बनाए जाते हैं। ताकि बच्चे वहां आराम से पढ़ाई कर सकें। स्टडी रूम अगर वास्तु के अनुसार हो तो इसका पॉजिटिव इफेक्ट बच्चों पर भी होता है। इससे बच्चों का मन में लगता है और उनकी बुद्धि भी तेज होती है। जानिए स्टडी रूम से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स...

Share this Video

वीडियो डेस्क। वर्तमान समय में बच्चों के लिए अलग से स्टडी रूम बनाए जाते हैं। ताकि बच्चे वहां आराम से पढ़ाई कर सकें। स्टडी रूम अगर वास्तु के अनुसार हो तो इसका पॉजिटिव इफेक्ट बच्चों पर भी होता है। इससे बच्चों का मन में लगता है और उनकी बुद्धि भी तेज होती है। जानिए स्टडी रूम से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स...
1. स्टडी रूम पश्चिम या दक्षिण दिशा में बनवाना चाहिए। स्टडी रूम का रंग हल्का हरा या इससे मिलता-जुलता हो तो अच्छा है क्योंकि बुध शिक्षा का कारक ग्रह है। ज्योतिष के अनुसार बुध का रंग हरा है।
2. स्टडी रूम में पढ़ने के लिए मेज कभी भी कोने में नहीं होनी चाहिए। मेज या टेबल हमेशा रूम के बीच में दीवार से थोड़ी हटकर होनी चाहिए। स्टडी टेबल पर पर्याप्त लाइट होनी चाहिए। लाइट पीछे से आनी चाहिए न की सामने से।
3. पढ़ाई करते समय बच्चे का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रहना चाहिए। इससे पढ़ाई में एकाग्रता बनी रहती है।
4. स्टडी रूम में मां सरस्वती व भगवान श्रीगणेश की तस्वीर हो तो अच्छा रहता है। इससे शुभ फल मिलते हैं।
5. बुक्स को हमेशा दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम दीवार के साथ आलमारी में रखनी चाहिए। पूर्व, पूर्व-उत्तर या उत्तर दिशा में बुक्स नहीं रखनी चाहिए। बुक्स कभी भी खुली या इधर-उधर नहीं रखें। इससे स्टडी रूम नेगेटिव एनर्जी फैलती है।
6. फेंगशुई के अनुसार स्टडी टेबल पर क्रिस्टल का एज्युकेशन टॉवर रखें, जिससे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
7. स्टडी टेबल के ऊपर पिरामिड भी लगा सकते हैं। इससे पिरामिड की दीवारों से ऊर्जा टकराकर पढऩे वाले के सिर पर पड़ती है, जिससे उसकी याददाश्त तेज होती है।
8. स्टडी रूम का दरवाजा हमेशा कोने से हटकर पूर्व, उत्तर-ईशान या उत्तर दिशा में होना चाहिए।

Related Video