पत्ता गोभी का वो कीड़ा जो करता है दिमाग पर अटैक, जानें कितना खतरनाक है
वीडियो डेस्क। टेपवर्म यानि पत्ता गोभी में पाया जाने वाला वो कीड़ा जिसके डर से लोग पत्ता गोभी खाना छोड़ चुके हैं। वो कीड़ा जो हमारे दिमाग पर अटैक करता है और सोचने समझने की सारी शक्ति को छीन लेता है। क्या है ये कीड़ा और ये दिमाग में कैसे घुस जाता है। हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक है। आइय़े जानते हैं इस बारे में।
वीडियो डेस्क। टेपवर्म यानि पत्ता गोभी में पाया जाने वाला वो कीड़ा जिसके डर से लोग पत्ता गोभी खाना छोड़ चुके हैं। वो कीड़ा जो हमारे दिमाग पर अटैक करता है और सोचने समझने की सारी शक्ति को छीन लेता है। क्या है ये कीड़ा और ये दिमाग में कैसे घुस जाता है। हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक है। आइय़े जानते हैं इस बारे में।
पत्ता गोभी में पाए जाने वाले कीड़े को टेपवर्म कहते हैं। ये कीड़ा आंतों में जाने के बाद ब्लड फ्लो के साथ शरीर के अन्य हिस्सों और मस्तिष्क में पहुंच सकता है। ये इतना छोटा होता है कि हमें नग्न आंखों से दिखाई नहीं देता। ये सब्जी उबालने और अच्छी तरह पकाने से मर सकता है। टेपवर्म बारिश के पानी या और किसी अन्य वजहों से जमीन में पहुंचता है और कच्ची सब्जियों के जरिए फिर हम तक पहुंचता है। इसका लार्वा दिमाग को गंभीर चोट पहुंचा देता है। टेपवर्म से होने वाला इन्फेक्शन टैनिएसिस (taeniasis) कहलाता है। शरीर में जाने के बाद, ये कीड़ा अंडे देता है। जिससे शरीर के अंदर जख्म बनने लगते हैं। ये लीवर में पहुंचकर सिस्ट बनाता है, जिससे पस पड़ जाता है। ये आंख में भी आ सकता है। ये कीड़े जिस व्यक्ति के दिमाग में पहुंचते हैं उसे दौरे पड़ने लगते हैं। दिमाग में अंडों का प्रेशर इस कदर बढ़ता है कि दिमाग काम करना बंद कर देता है। एक टेपवर्म की लंबाई 3.5 से 25 मीटर तक हो सकती है। इसकी उम्र 30 साल तक होती है। इस कीड़े के इलाज के तौर पर वे दवाएं दी जाती हैं, जिससे ये मर जाए या फिर सर्जरी भी की जा सकती है। इस कीड़े का लार्वा पालक, मछली, पोर्क या बीफ में भी पाया जाता है। इन चीज़ों को भी अच्छी तरह पकाकर खाना चाहिए। एशियाई देशों की तुलना में यूरोपीय देशों में इसका खतरा काफी कम देखा जाता है।