अव्यवस्थाओं से जूझ रहा स्वास्थ्य मंत्री के गृह जनपद का अस्पताल, जांच के लिए दूसरे जिलों के चक्कर लगा रहे मरीज

हरदोई में मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य सेवाओं की सूरत बदहाल है। जबकि मौजूदा सरकार में हरदोई जनपद से तीन मंत्री है, लेकिन यहाँ रेडियोलॉजिस्ट न होने की वजह से मरीजों को मेडिकल के लिए एक्सरे व अल्ट्रासाउंड कराने के लिए सीतापुर,शाहजहांपुर व लखनऊ के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के गृह जनपद हरदोई में बना मेडिकल कॉलेज दवाओं व डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है।

/ Updated: Jul 23 2022, 01:55 PM IST
Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

हरदोई: यूपी के हरदोई में मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य सेवाओं की सूरत बदहाल है। जबकि मौजूदा सरकार में हरदोई जनपद से तीन मंत्री है, लेकिन यहाँ रेडियोलॉजिस्ट न होने की वजह से मरीजों को मेडिकल के लिए एक्सरे व अल्ट्रासाउंड कराने के लिए सीतापुर,शाहजहांपुर व लखनऊ के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के गृह जनपद हरदोई में बना मेडिकल कॉलेज दवाओं व डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। यहाँ आने वाले मरीज़ों व पुलिस को मेडिकल कराने के लिए सीतापुर के जिला अस्पताल व लखनऊ के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जिससे मरीज़ों व पुलिस को आर्थिक खर्च की मार झेलनी पड़ रही है। 

आपको बताते चलें मेडिकल कॉलेज में तैनात एक रेडियोलॉजिस्ट का बीते माह तबादला हो गया। जिसके बाद उनके स्थान पर अभी तक किसी रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हुई है। जिससे मरीज़ों व पुलिस को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मेडिकल कालेज के सीएमएस डॉ. जेएन तिवारी ने बताया कि रेडियोलॉजिस्ट का शासन स्तर से तबादला किया गया है, हमने सूचना भेजी है लेकिन डॉक्टर की तैनाती शासन स्तर से होगी, अभी कितना समय लगेगा यह बताना मुश्किल है। आपको बताते चलें कि योगी सरकार में हरदोई से डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल व राज्यमंत्री रजनी तिवारी आती हैं, वहीं दो लोकसभा सांसद व एक राज्यसभा सांसद भी है। लेकिन हरदोई मेडिकल कालेज का इलाज नहीं हो पा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कितने दिनों में मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी दूर हो पायेगी। हालांकि मेडिकोलीगल कराने वालों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर न होने की वजह से एक्सरे रूम में स्पष्ट जानकारी का पत्र चस्पा कर दिया गया है कि मेडिकोलीगल के लिए सीतापुर, लखनऊ व अन्य जनपदों का रुख करें। जिससे मरीज काफी परेशान हो रहे है, और मेडिकोलीगल के लिए उन्हें भटकना पड़ रहा है। कुछ घायलों का कहना है कि जब मेडिकोलीगल यहां नहीं होगा तो इससे हमारे अधिक रुपए खर्च होंगे, और किसी अन्य जनपद दौड़कर जायेंगे तो चोट भी स्पष्ट नहीं आयेगी।