9 दिसंबर 2019 को राम मंदिर निर्माण के लिए आए ऐतिहासिक फैसले के बाद ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। अयोध्या के संत भी 15 जनवरी के बाद ट्रस्ट की घोषणा की उम्मीद जता रहे हैं।
अयोध्या फैसले के बाद से शहर के विकास का खांका खींचा जाने लगा है। अयोध्या के विकास को इंटरनेशनल मानक पर लाने के लिए लॉन्च प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। वहीं, अधिकारियों का दावा है कि अयोध्या रेलवे स्टेशन को राम मंदिर मॉडल के अनुरूप लुक दिया जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को झारखंड के बोकारो में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर का जिक्र किया। राजनाथ सिंह ने कहा, हम राम लला की जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर का फैसला आने के बाद अयोध्या में जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं। अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा परिधि के रास्ते से सटे हुए लगभग आधा दर्जन गांव की सूरत बदलने वाली है। देशभर से तमाम बड़े व्यवसाई-उद्योगपति अयोध्या में जमीन ढूंढ रहे हैं
गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को चुनाव प्रचार करने झारखंड पहुंचे। यहां के लातेहर में उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा उठाया। अमित शाह ने पूछा, राम मंदिर बनना चाहिए या नहीं बनना चाहिए? उन्होंने कहा कि देश का हर व्यक्ति अयोध्या में राम मंदिर देखना चाहता है।
अयोध्या में 500 सालों के बाद सूर्यवंशी क्षत्रिय अपनी परम्परागत पोशाक पहनेगे। जिले के लगभग 150 गांवों में रहने वाले सूर्यवंशी क्षत्रिय अब सर पर पगड़ी व पैरों में चमड़े के जूते पहनेंगे
राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भले ही फैसला सुना दिया है, लेकिन राम नगरी में एक मंदिर ऐसा है, जिसकी संपत्ति के लिए अभी भी 10 राम केस लड़ रहे हैं। अयोध्या के डीएम अनुज झा ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, जोकि काफी वायरल हो रहा है।
उत्तर रेलवे तीर्थनगरी नगरी अयोध्या के रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के काम में लगा है और इसका बाहरी हिस्सा राम मंदिर के डिजाइन की तरह दिखेगा। उम्मीद है कि इस रेलवे स्टेशन को चालू वित्त वर्ष में नया रूप मिल जाएगा।
राम मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियां जारी है। इसी बीच योगगुरु बाबा रामदेव ने राम मंदिर निर्माण की आधरशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखने की बात कही है।रामदेव ने कहा कि राममंदिर महान वैदिक परंपरा का प्रतिबिंब होना चाहिए।
राज जन्मभूमि विवाद पर मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वे अब इस मामले को बढ़ाना नहीं चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही सर्वमान्य होगा। बोर्ड के कन्वेनर जफरयाब जिलानी ने सभी मुस्लिम पक्षकारों को लखनऊ में बैठक के लिए आमंत्रित किया था।