किसान जितेंद्र राय बताते हैं कि इसके पहले भी वह कई बार कार्गो के माध्यम से अपने खेतों के टमाटर, मिर्च और मटर खाड़ी देशों में भेज चुके हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि इन सब्जियों का रेट जिले की मंडियों के रेट का डबल मिल जाता है। अगले खेप का ऑर्डर भी जल्द ही मिलने वाला है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से कोरोना के खिलाफ जारी जंग में लोगों से अपील की थी वह प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री राहत कोष में रुपए डोनेट करें। मदद की इस कड़ी में हरियाणा के एक गांव ने एक करोड़ रुपए दान करके एक नया रिकॉर्ड कायम किया है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में सोनिया गांधी ने पीपीई किट की खराब क्वालिटी पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बहुत कम है। यह काफी चिंता की बात है।
कोरोना वायरस की महामारी फैलने की वजह से दुनिया के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन लगा हुआ है। इससे बिजनेस पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। खासकर, सब्जियां और फल उगाने वाले किसनों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि ये चीजें बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं।
यूपी के शाहजहांपुर में एक किसान ने अनोखी मदद देकर एक मिसाल कायम की है। किसान ने अपने खेत में पैदा हुए पूरे 223 क्विंटल गेहूं सरकार को सौंप दिया। किसान ने सरे गेहूं दान करते हुए उसे जरूरतमंदों के लिए इस्तेमाल करने का आग्रह किया
भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग चल रही है। इस अदृश्य दुश्मन ने लड़ाई में हर कोई बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहा है। इसी तरह से राजस्थान के एक किसान ने अपने जीवन भर की कमाई यानी 50 लाख रुपए दान दे दिए, जिससे लॉकडाउन में गरीबों और भूखों को खाना खिलाने में मदद हो सके।
इस एप के जरिए किसान अपनी उपज को मंडियों में भेज सकता है। इसके अलावा किसान खेती की अन्य जरूरतों के लिए मशीनरी भी इस एप से बुक कर सकता है। एप पर 14 हजार से अधिक कस्टम हायर सेंटरों (सीएचसी) के 20 हजार से अधिक ट्रैक्टर रजिस्टर्ड हैं।
ट्रैक्टर चालक से बातचीत के बाद एसपी शिवहरि मीणा ने मौके पर मौजूद कूरेभार थानाध्यक्ष समेत सभी पुलिसकर्मियो को ट्रैक्टर-ट्राली के पास बुलाया। उन्हे ट्रैक्टर-ट्राली में धक्का लगाने का निर्देश देते हुए खुद ट्रैक्टर में धक्का लगाने में जुट गए। इसके चलते कुछ ही देर में ट्रैक्टर स्टार्ट हो गया।
किसान के परिजनों ने बताया कि बेमौसम हुई बारिश के पानी में डूबकर मसूर की फसल सड़ गई थी। इसके बाद अब गेहूं की फसल पककर खेत में खड़ी बर्बाद हो रही है। रामभवन दो दिन से फसल काटने के लिए गांव में मजदूर ढूंढ रहा था, मगर लॉकडाउन के कारण मजदूर नहीं मिल रहे थे।
उम्मीद जताई जा रही है कि COVID-19 का एंटी वायरस जल्द तैयार हो जाएगा। दुनियाभर में इस पर युद्धस्तर रिसर्च चल रही है। ऐसी ही एक रिसर्च का हिस्सा हैं..हिसार जिले के एक गांव हरिता के रहने वाले किसान के बेटे अमित सहरावत।