बारिश के साथ तेज हवा भी चली, जिसके चलते पंडाल उखड़ गया और टेंट बांधने वाले पाइप भी हवा में उड़ने लगा। आलम यह था कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता पोल को पकड़े खड़े रहे, ताकि वह उखड़ ना पाएं। पंडाल में लगीं कुर्सियां उड़ने लगी और कुछ तो तेज हवा के चलते टूट भी गईं।