पुणे: आजकल हर जगह प्लास्टिक के कचरे की भरमार है। इसे रिसायकल करना ना सिर्फ मुश्किल है, बल्कि खर्लीचा भी है। भारत में हर साल 26000 हजार टन प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है। इस वजह से भारत दुनिया में 15वां सबसे बड़ा प्लास्टिक प्रदूषक है। लेकिन भारत में अब कुछ लोग इस प्लास्टिक कचरे को कच्चे तेल में बदल रहे हैं। उनके लिए मुनाफे का सौदा है। इससे उन लोगों का भी फायदा हो रहा है जिनके पास अभी एलपीजी या खाना बनाने के लिए ऊर्जा का कोई स्वच्छ साधन नहीं है।