बढ़ती उम्र को टाला नहीं जा सकता, इसलिए इसे खूबसूरती के साथ कैसे अपनाया जाए, एक नयी पुस्तक लोगों को इसके तरीके बताती है
अमेरिकन एकेडमी ऑफ एंटी-एजिंग मेडिसिन और भारत के स्मार्ट ग्रुप ने देश में पहले एंटी-एजिंग अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इसमें हेल्थ केयर और प्रिवेन्टिव मेडिसिन से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
उल्टी या वोमिटिंग की समस्या कई वजहों से होती है। पेट खराब होने पर, गैस बनने पर और कई बार ज्यादा बुखार में भी उल्टियां होने लगती हैं। वहीं, ऐसे बहुत लोग खासकर औरतें काफी मिल जाएंगी, जिन्हें सफर के दौरान जी मिचलाने की समस्या होती है।
प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। प्रोटीन की कमी की वजह से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए हमें ऐसा भोजन करने को कहा जाता है, जिससे पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल सके। लेकिन जरूरत से ज्यादा कोई भी चीज खराब असर डालती है।
सर्दियों के मौसम में कई तरह की बीमारियां होती हैं। इस मौसम में ज्यादातर सर्दी, खांसी और बुखार जैसी समस्या होती है, जिसके पीछे मुख्य कारण कोई न कोई एलर्जी और इन्फेक्शन होता है।
केसर एक ऐसा मसाला है जिसके इस्तेमाल से स्वास्थ्य संबंधी कई तरह के फायदे होते हैं। केसर का उपयोग सैकड़ों सालों से कई तरह के मिष्ठानों को बनाने में भी किया जाता रहा है। इसकी खुशबू बहुत अच्छी होती है।
तेजपत्ता हर भारतीय रसोई में मिल जाएगा। इसका इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। तेजपत्ता में कई औषधीय गुण होते हैं। कई बीमारियों में यह बेहद फायदेमंद साबित होता है।
नए साल के साथ ही नए दशक की शुरुआत पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक रिपोर्ट जारी कर उन बीमारियों और महामारियों के बारे में बताया है, जिनके खतरे का सामना पूरी दुनिया के लोगों को करना होगा।
इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अनुसंधानकर्ताओं ने प्राकृतिक रूप से हासिल कैंसर रोधी तत्व का इस्तेमाल कर फोटोथर्मल थेरैपी और कीमोथेरैपी का एक सह-क्रियाशील संयोजन विकसित किया है।
डाइटिंग मोटापे से भी ज्यादा खतरनाक है। कम कैलोरी और कम फूड लेकर मोटापा और वजन कम करने के नुकसान बहुत ज्यादा हैं। रिसर्च से पता चला है कि डाइटिंग से मोटापा कम तो नहीं होता, बल्कि कई तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।