एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन मौजूदा स्तर पर जारी रहा तो अगली सदी तक भारत में अत्यधिक गर्मी से एक साल में 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होगी। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के टाटा सेंटर फॉर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के साथ क्लाइमेट इम्पैक्ट लैब में हुई रिसर्च में पता चला है कि 2100 तक भारत के औसत वार्षिक तापमान में सालाना 4 डिग्री की वृद्धि होगी। क्षेत्रों की बात करें, तो 36 राज्यों और केंद्रशासित राज्यों का तापमान पंजाब से ज्यादा होगा, जो गर्मियों में औसत 32 के तापमान के साथ सबसे गर्म है। जिस तरह से तापमान बढ़ेगा, उससे गर्म दिनों की संख्या में भी इजाफा होगा। 2100 तक ओडिशा में सबसे ज्यादा औसत 48.05 गर्म दिन होंगे, जो 2010 में सिर्फ 1.62 था। आज की तुलना में दिल्ली में 22 गुना और हरियाणा में 20 गुना ज्यादा गर्म दिन होंगे। ज्यादा गर्मी और गर्म दिनों में इजाफे से 2100 तक 15 लाख लोगों की मौत हर साल होगी। यह मृत्यु दर मौजूदा वक्त की किसी भी बीमारी से भारत में होने वाली मौतों से ज्यादा होगी। बढ़े हुए तापमान से कुल मौतों में 6 राज्यों, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से आधी मौतें होंगी।