सुवेन्दु अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने फेडरल स्टेट की पवित्रता को बनाये रखने के लिए समन्वय बनाकर चल रहे। जबकि ममता बनर्जी ओछी राजनीति करने के चक्कर में राज्य का हित तक भूल चुकी हैं।

कोलकाता। पीएम मोदी की मीटिंग में देर से पहुंचने और कुछ कागजात सौंप कर वापस लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बर्ताव को प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना जा रहा। बीजेपी नेता और वेस्ट बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेन्दु अधिकारी ने कहा कि एक बार फिर ममता बनर्जी ने साबित किया है कि उनका बंगाल के लोगों से कोई लेना देना नहीं है। दशकों से चली आई लोकतांत्रिक परंपराओं को उन्होंने तोड़ा है। यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन है।

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ममता ने संविधान का अपमान किया

सुवेन्दु अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने फेडरल स्टेट की पवित्रता को बनाये रखने के लिए समन्वय बनाकर चल रहे। जबकि ममता बनर्जी ओछी राजनीति करने के चक्कर में राज्य का हित तक भूल चुकी हैं। यह उनके तानाशाही व्यक्तित्व और संविधान के प्रति असम्मान को दिखा रहा है। मीटिंग को छोड़ना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। पश्चिम बंगाल के लोगों का हित इससे नहीं हो सकता है।

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अधिकारी ने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं है। मिलकर काम करने का है लेकिन मुख्यमंत्री ऐसा नहीं चाहती हैं। जबकि उनका राहत कार्यों में ट्रैक रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है। वह राज्य सम्भालने में अक्षम हमेशा से साबित हुई हैं। प्रधानमंत्री ने तूफान प्रभावित कई क्षेत्रों का दौरा किया। गैर एनडीए के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा भी की लेकिन ममता बनर्जी के अतिरिक्त सबका व्यवहार मिलजुलकर काम करने वाला रहा।