शारदीय नवरात्र: अभी से हो जाएं सावधान, 9 दिन भूलकर भी ना करें ये 7 काम
वीडियो डेस्क। 17 अक्टबूर से शारदीय नवरात्रे शुरू हो रहे हैं। साल में 4 बार आने वाले मां के नौ दिन बेहद ही खास होते हैं। साल में 2 गुप्त नवरात्री होती हैं और 2 वास्तविक जिसमें चैत्र नवरात्रे और शारदीय नवरात्रे शामिल हैं। ये नौ दिन मां की आराधना के दिन होते हैं। कहते हैं इन 9 दिनों तक मां स्वयं धरती पर विराजती हैं और अपने भक्तों के आशीर्वाद देती हैं।
वीडियो डेस्क। 17 अक्टबूर से शारदीय नवरात्रे शुरू हो रहे हैं। साल में 4 बार आने वाले मां के नौ दिन बेहद ही खास होते हैं। साल में 2 गुप्त नवरात्री होती हैं और 2 वास्तविक जिसमें चैत्र नवरात्रे और शारदीय नवरात्रे शामिल हैं। ये नौ दिन मां की आराधना के दिन होते हैं। कहते हैं इन 9 दिनों तक मां स्वयं धरती पर विराजती हैं और अपने भक्तों के आशीर्वाद देती हैं। लेकिन वहीं मां अगर अपने भक्तों से रुष्ठ होती हैं तो उन्हें दण्ड भी देती हैं। ऐसे में अगर मां को प्रसन्न रखना है तो जरूरी है उनकी विधि विधान से पूजा करना। लेकिन कहते हैं कि आप गलत आदतों का त्याग कर दें तो मां अपने भक्तों को हमेशा धन संपदा से परिपूर्ण रखती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी बता रहे हैं कि जो आपको नवरात्रों में हमेशा के लिए त्याग देनी चाहिए। क्यों कि जो भक्त मां कि इन नियमों को नहीं मानता मां उस घऱ में कभी विराजित नहीं होती हैं।
1 नवरात्रि के दिनों में भूलकर भी तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। मांस मछली खाना और मदिरा पीना नवरात्र में वर्जित माना गया है।
2 सब्जियों में लहसुन और प्याज को तामसिक माना गया है इसलिए नवरात्रि में बिना प्याज लहसुन के ही भोजन बनाना चाहिए।
3 नवारत्रि में भूलकर भी नाखून नहीं काटने चाहिए, दाड़ी और बाल नहीं बनवाने चाहिए। नवरात्र में इन कार्यों को करने से मां की कृपा नहीं होती है।
4 अगर आपने घर में अखण्ड ज्योति जलाई है तो घर को एक पल के लिए भी अकेला ना छोड़ें। किसी ना किसी का घर में रहना जरूरी है।
5 अगर आप नवरात्र में व्रत कर रहे हैं तो पलंग या कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए। साथ ही दिन के समय न सोएं। और रात्रि में माता की चौकी के पास ही भूमि पर बिस्तर लगाकर सोएं।
6 नवरात्रि के दिनों में ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए। पूर्ण ब्रह्मचार्य का पालन करते हुए मां का व्रत और आराधना करें। अपने मन में किसी भी प्रकार के बुरे विचार न लाएं।
7 नवरात्रों में सिर्फ भूखे रहना व्रत नहीं कहलाता। बल्कि सिर्फ अच्छे विचार मन में ला रहें हैं। दूसरों की मदद कर रहे हैं। कन्याओं का पूजन कर रहे हैं तो मां आपके घर को छोड़कर कभी नहीं जाएंगी।