Women's डे SPL:अपनी सेविंग से खोला स्कूल, 4 बच्चों से शुरुआत-आज भोपाल से बेंगलुरु तक फ्री पढ़ रहे 4 हजार बच्चे
वीडियो डेस्क। महिलाओं के सम्मान में हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जाता है। ऐसे में हम आपको मिलवाने जा रहे हैं एक ऐसी महिला से जो निशुल्क बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रही है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली शिबानी घोष एजुकेशनिस्ट हैं। इन्होंने ने अपने पति प्रदीप घोष के साथ परवरिश – द म्यूजियम स्कूल की स्थापना भोपाल में साल 2004 में की। ये एक ऐसा स्कूल है जो बच्चों को क्लासरूम शिक्षा से दूर, वास्तविक जीवन में अन्वेषण और व्यावहारिक ज्ञान के माध्यम से रुबरु कराता है। यह ज्ञान वे म्यूजियम के एग्जिबिट्स से प्राप्त करते हैं। आज उनके स्कूल में भोपाल की १० झुग्गी बस्तियों के लगभग १०० बच्चे नियमित रूप से शिक्षा पा रहे हैं। अब तक 4500 से अधिक बच्चे उनके इस अभिनव प्रयास से लाभान्वित होकर इंजीनियरिंग, विज्ञान, कॉमर्स, आर्ट्स, मास कम्युनिकेशन तथा फैशन डिजाइनिंग में स्नातक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कुछ ने अपने निजी व्यवसाय भी आरंभ कर दिए हैं। देखिए पूरा इंटरव्यू
वीडियो डेस्क। महिलाओं के सम्मान में हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जाता है। ऐसे में हम आपको मिलवाने जा रहे हैं एक ऐसी महिला से जो निशुल्क बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रही है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली शिबानी घोष एजुकेशनिस्ट हैं। इन्होंने ने अपने पति प्रदीप घोष के साथ परवरिश – द म्यूजियम स्कूल की स्थापना भोपाल में साल 2004 में की। ये एक ऐसा स्कूल है जो बच्चों को क्लासरूम शिक्षा से दूर, वास्तविक जीवन में अन्वेषण और व्यावहारिक ज्ञान के माध्यम से रुबरु कराता है। यह ज्ञान वे म्यूजियम के एग्जिबिट्स से प्राप्त करते हैं। आज उनके स्कूल में भोपाल की १० झुग्गी बस्तियों के लगभग १०० बच्चे नियमित रूप से शिक्षा पा रहे हैं। अब तक 4500 से अधिक बच्चे उनके इस अभिनव प्रयास से लाभान्वित होकर इंजीनियरिंग, विज्ञान, कॉमर्स, आर्ट्स, मास कम्युनिकेशन तथा फैशन डिजाइनिंग में स्नातक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कुछ ने अपने निजी व्यवसाय भी आरंभ कर दिए हैं। देखिए पूरा इंटरव्यू