नर्सिंग डे: क्या बिना नर्सों के जीत पाएंगे हम कोरोना से जंग?

वीडियो डेस्क। अंतरराष्‍ट्रीय नर्स दिवस हर साल 12 मई को मनाया जाता है। ये दिन विश्वभर की नर्सेज को समर्पित है। दरअसल, नर्सेज विश्वभर में अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित लोगों की मदद करती हैं। मरीजों की सुविधाओं के लिए ही नर्स काम करती हैं ताकि वो उनकी उचित देखभाल कर सकें। दुनिया भर में फैली कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में नर्सों की भूमिका और भी बड़ी हो गई है।

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वीडियो डेस्क। अंतरराष्‍ट्रीय नर्स दिवस हर साल 12 मई को मनाया जाता है। ये दिन विश्वभर की नर्सेज को समर्पित है। दरअसल, नर्सेज विश्वभर में अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित लोगों की मदद करती हैं। मरीजों की सुविधाओं के लिए ही नर्स काम करती हैं ताकि वो उनकी उचित देखभाल कर सकें। दुनिया भर में फैली कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में नर्सों की भूमिका और भी बड़ी हो गई है।
12 मई को नर्स दिवस इसके संस्थापक के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें नाइटिंगेल ऑफ फ्लोरेंस (Nightingale of Florence) कहा जाता है। उन्होंने क्रीमिया के युद्ध के दौरान कई महिलाओं को नर्स की ट्रेनिंग दी थी और कई सैनिकों का इलाज भी किया था। उन्होंने नर्सिंग को एक पेशा बनाया और वह विक्टोरियन संस्कृति की एक आइकन बनीं। विशेष रूप से वह "लेडी विद द लैंप" (Lady With the Lamp) के नाम से जानी गईं क्योंकि वह रात के वक्त कई सैनिकों का इलाज किया करती थीं। 
जनवरी 1974 में फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव यूएस में पारित हुआ था. हालांकि, इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स (ICN) 1965 से अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाता आ रहा है। ICN की वेबसाइट के मुताबिक, इस साल नर्स दिवस की थीम ''विश्व स्वास्थ्य के लिए नर्सिंग है। 

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