कोरोना: 130 करोड़ की आबादी, भारत में क्यों मुश्किल है सोशल डिस्टेंस ?

वीडियो डेस्क। भारत में 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए पीएम मोदी ने यही सबसे प्रभावी कदम बताया था। लेकिन इसेक बावदूज 

/ Updated: Apr 17 2020, 08:00 PM IST

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वीडियो डेस्क। भारत में 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए पीएम मोदी ने यही सबसे प्रभावी कदम बताया था। लेकिन इसेक बावदूज भी देश में लगातार संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। आंकड़ा 12 हजार को पार कर गया है। प्रशासन लगातार लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने के लिए सख्ती दिखा है। आखिर क्यों नहीं लोग सोशल डिस्टेंस को मान पा रहे हैं। 
24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन की घोषणा की
उन्होंने जोर देते हुए कहा था कि कोरोना से लड़ने के लिए सोशल डिंस्टेंसिग एकमात्र रास्ता है
लेकिन उनकी घोषणा के बाद भारी संख्या में लोग सामान खरीदने के लिए सड़कों पर उतर आए
14 अप्रैल को पीएम मोदी ने लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की
लेकिन तब तक भारत में संक्रमित लोगों की संख्या 10 हजार से ऊपर चली गई।
भारत में लगातार बढ़ते आंकड़ों की वजह क्या है
क्यों लोग सोशल डिस्टेंस को नहीं फोलो कर पा रहे हैं।
भारत में एक परिवार में 5 सदस्य होते हैं
ये एक साथ अपने घर में रहते हैं या किराए के घर में रहते हैं
देश के करीब 40% परिवारों के पास घर के नाम पर बस एक कमरा होता है
देश में ऐसे करीब 10 करोड़ परिवार मौजूद हैं
ज़्यादातर लोगों के पास कोई निजी कमरा नहीं है
दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में से एक, धारावी में दस लाख की आबादी रहती है।
इसे कोविड-19 संक्रमण कम्युनिटी ट्रांसमिशन का संभावित हॉट स्पॉट माना जा रहा है। 
अगर यहां पर कोरोना वायरस फैलता है तो तबाही मच जाएगी
40% से अधिक ग्रामीण भारतीय घरों में पीने के पानी का स्रोत नहीं है
करीब 40 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को पानी लाने के लिए 200 मीटर से 1.5 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी होती है
नेशनल सैम्पल सर्वे के मुताबिक, भारत के 42 प्रतिशत ग्रामीण घरों के अंदर पानी की उपलब्धता नहीं है
लोगों के घर से बाहर निकलने की एक बड़ी वजह पानी लाने जाना है।
ओडिशा, झारखंड और मध्य प्रदेश में 35 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीण आबादी को पानी के लिए आधे किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है
ढेरों परिवारों को केवल पानी के लिए घरों से बाहर निकलना पड़ता है
इस दौरान उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है
लेकिन उनके सामने खुद को इस जोखिम में डालने के सिवा दूसरा विकल्प मौजूद नहीं है।