जानिए इस्लाम छोड़ अकबर के पोतों ने क्यों अपनाया था ईसाई धर्म? KBC में पूछा गया था 7 करोड़ का सवाल

वीडियो डेस्क। सोनी टीवी पर दिखाए जाने वाले शो कौन बनेगा करोड़पति में अकबर के पोतों को लेकर एक सवाल पूछा गया था। सवाल 7 करोड़ रुपये का था। केबीसी खेल रहीं कंटेसंटेंट इस सवाल का जवाब नहीं दे पाईं। सवाल था- इनमें से कौन अकबर के तीन पोते के नामों में से एक नहीं है, जिन्हें जेसुइट पुजारियों को सौंपने के बाद संक्षिप्त रूप से ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया था? इसके ऑप्शन थे- डॉन फैलिपी, डॉन हैंरीक, डॉन कॉर्लस, डॉन फ्रैंसिस्को।

/ Updated: Nov 11 2021, 05:07 PM IST
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वीडियो डेस्क। सोनी टीवी पर दिखाए जाने वाले शो कौन बनेगा करोड़पति में अकबर के पोतों को लेकर एक सवाल पूछा गया था। सवाल 7 करोड़ रुपये का था। केबीसी खेल रहीं कंटेसंटेंट इस सवाल का जवाब नहीं दे पाईं। सवाल था- इनमें से कौन अकबर के तीन पोते के नामों में से एक नहीं है, जिन्हें जेसुइट पुजारियों को सौंपने के बाद संक्षिप्त रूप से ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया था? इसके ऑप्शन थे- डॉन फैलिपी, डॉन हैंरीक, डॉन कॉर्लस, डॉन फ्रैंसिस्को। इस सवाल का सही जवाब है डॉन फ्रैंसिस्को। केबीसी में पूछे गए इस सावल के बाद अब चर्चा है कि आखिर अकबर के पोतों ने इस्लाम छोड़कर क्रिश्चिन धर्म क्यों अपनाया था। 

हर धर्म को मानता था अकबर
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि अकबर हर धर्म को मानता था। अपने शासन काल में उनसे ना सिर्फ इस्लाम बल्कि हिंदू और ईसाई धर्म को भी महत्व दिया था। उसने कई चर्च भी बनवाए थे। आगरा में अकबर चर्च के नाम से भी एक चर्च बनवाया था। अकबर के बाद जब जहांगीर ने सत्ता संभाली तो उसने भी पुर्तगालियों से संबंध स्थापित करने के प्रयास किया। साथ ही जहांगीर भी ईसाई धर्म को करीब से जानना चाहता था। कहा जाता है कि जहांगीर ने एक पुर्तगाली महिला से शादी की थी, जिसका नाम डोना मारिया मैस्करेनहास था। बताया गया है कि वो पुर्तगाली जहाज से अरब सागर होते हुए आईं और जिसे 1500वीं शताब्दी के मध्य में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने पकड़ कर सम्राट अकबर को भेंट कर दिया था। इसके बाद जहांगीर की उससे शादी हुई थी। 

इतिहास में जहांगीर के पांच बेटों का जिक्र 
जहांगीर के 5 बेटे थे। जिनका नाम खुसरो, खुर्रम, परविज, शाहरियर, जहांदर मिर्जा था। लेकिन इनमें से किसी ने ईसाई धर्म नहीं अपनाया था। ईसाई धर्म जहांगीर के बेटों का नहीं बल्कि जहांगीर के भतीजों का हुआ था। ईसाई धर्म तहमुरस, बाइसंघर और होशांग ने कबूला था जिसके बाद ये डॉन फैलिपी, डॉन हैंरीक, डॉन कॉर्लस, डॉन फ्रैंसिस्को कहलाए थे। 

सत्ता के लिए जहांगीर ने करवाया था धर्मांतरण
इतिहास के पन्नों पर ये सवाल की अकबर के पोतों का धर्मांतरण हुआ अटपटा सा ही लगता है। लेकिन ये सच है। कहा जाता है ये कि ये धर्मांतरण जहांगीर ने करवाया था उन्होंने अपने भतीजों को ईसाई धर्म में कन्वर्ट किया। जहांगीर कला का प्रेमा थी। उसने जेसुइट कंपनी का करीब से अनुभव किया और क्रिश्चिन आर्ट को भी पसंद किया। माना जाता है कि उन्होंने अपने भतीजों को सिंहासन से अयोग्य करने को लेकर यह कदम उठाया और उन्हें ईसाई धर्म कबूल करवा दिया।