आंख, कान, दिमाग, रीढ़ की हड्डी कैसे भी रोग से पीड़ित हैं बस ताली बजाना शुरू कर दें, फिर देखिए कमाल

हिंदू धर्म में भजन या आरती के समय ताली बजाने का प्रचलन है। इस परंपरा के पीछे न सिर्फ धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक कारण भी छिपा है। विज्ञान के अनुसार, हमारे शरीर के 29 एक्यूप्रेशर पॉइंटस हमारे हाथों में होते है। 

/ Updated: Jan 13 2020, 04:22 PM IST
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वीडियो डेस्क। हिंदू धर्म में भजन या आरती के समय ताली बजाने का प्रचलन है। इस परंपरा के पीछे न सिर्फ धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक कारण भी छिपा है। विज्ञान के अनुसार, हमारे शरीर के 29 एक्यूप्रेशर पॉइंटस हमारे हाथों में होते है। प्रेशर पॉइंट को दबाने से संबंधित अंग तक रक्त और ऑक्सीजन का संचार अच्छे से होने लगता है। एक्यूप्रेशर के अनुसार इन सभी दबाव बिंदु को सही तरीके से दबाने का सबसे सहज तरीका है ताली। ताली बजाने से ये होते हैं फायदे-

1. ताली बजाने से खून में बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है, जिससे हार्ट अटैक जैसी समस्या की आशंका कम हो जाती है।
2. ताली बजाने से शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता है जिससे फेफड़ों में अस्थमा संबंधित रोग का खतरा भी टलता है।
3. तेज ताली बजाने से आंख, कान, दिमाग, रीढ़ की हड्डी, कंधे आदि सभी बिंदुओं पर प्रभाव पड़ता है जिससे तनाव, अनिद्रा, आंखों की कमजोरी, पुराना सिर दर्द, जुकाम, बालों का झड़ना जैसी समस्या से राहत मिलती है।
4. ताली से मांसपेशियां प्रभावित होती हैं, जिससे पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार अच्छे से होता है।
5. इतना ही नहीं नियमित ताली की आदत से खून में सफेद कणों (WBC)को ताकत मिलती है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।