रामनवमी पर काशी में देखने को मिली गंगा-जमुनी तहजीब, शोभायात्रा में श्रद्धालुओं पर मुस्लिमों ने की पुष्पवर्षा
काशी में रविवार की शाम एक बार फिर गंगा-जमुनी तहजीब का आदर्श रूप देखने को मिला। दरअसल, मैदागिन से बुलनाला, चौक होते हुए दशाश्वमेध घाट तक राम बारात शोभा यात्रा जा रही थी। शोभायात्रा का स्वागत करने के लिए रोजेदार चौक थाने के सामने एकत्र हो गए। चिलचिलाती धूप में खुद भूखे-प्यासे रहकर रोजेदारों ने राम भक्तों पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसा कर उन्हें पानी पिलाया।
वाराणसी: काशी में रविवार की शाम एक बार फिर गंगा-जमुनी तहजीब का आदर्श रूप देखने को मिला। दरअसल, मैदागिन से बुलनाला, चौक होते हुए दशाश्वमेध घाट तक राम बारात शोभा यात्रा जा रही थी। शोभायात्रा का स्वागत करने के लिए रोजेदार चौक थाने के सामने एकत्र हो गए। चिलचिलाती धूप में खुद भूखे-प्यासे रहकर रोजेदारों ने राम भक्तों पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसा कर उन्हें पानी पिलाया। इसके साथ ही मुस्लिम बंधुओं ने हिंदू भाइयों के गले मिलकर नवरात्रि और रामनवमी की शुभकामनाएं दीं।
रोजेदारों के जत्थे की अगुवाई कर रहे शेख मोहम्मद आसिफ ने कहा कि हमारे राम भक्त भाई चिलचिलाती धूप में शोभा यात्रा में जा रहे थे। इसी वजह से हमने उन पर पुष्प वर्षा कर उन्हें पानी पिलाया। ऐसा हम सब हर साल रामनवमी और महाशिवरात्रि पर करते रहते हैं। काशी गंगा-जमुनी तहजीब की परिचायक है और असली हिंदुस्तान यही है।
हिंदुस्तान ही एकमात्र ऐसा देश है जहां सभी जाति और धर्मों के लोगों को बगैर भेदभाव के समान अवसर मिलता है। हम सभी साथ में होली-दिवाली और ईद मनाते हैं। हम हर साल यही संदेश देने का प्रयास करते हैं कि हम हिंदू-मुसलमान एक हैं और हिंदुस्तान जैसा महान देश कोई नहीं है।