Mathura: बेहद ही अद्भुत है नंदगांव की ये होली, लाठियों की मार से निभाई जाती है परंपरा
वीडियो डेस्क। बृज की लट्ठमार होली के बारे में तो आपने सुना ही होगा। मथुरा के बरसाने में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को बरसाने में लट्ठमार होली मनाई जाती है। नवमी के दिन यहां रंग, गुलाल के साथ लट्ठ भी बरसते हैं। ये लट्ठमार होली देश और विदेश में प्रसिद्ध है। फूलों रंगो के साथ साथ यहां डंडों से पीटकर कर भी होली की परंपरा निभाई जाती है। पहले बरसाने और फिर नंदगांव में ये होली खेली जाती है। नवमी के दिन बरसाने में दशमी के दिन नंदगांव में नदं बाबा मंदिर में हिरयारिनें हुरियारों के साथ होली खेलते हैं। पुरुषों को हुरियारे और महिलाओं को हुरियारन कहा जाता है। ये होली सदियों से यहां खेली जा रही है।
वीडियो डेस्क। बृज की लट्ठमार होली के बारे में तो आपने सुना ही होगा। मथुरा के बरसाने में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को बरसाने में लट्ठमार होली मनाई जाती है। नवमी के दिन यहां रंग, गुलाल के साथ लट्ठ भी बरसते हैं। ये लट्ठमार होली देश और विदेश में प्रसिद्ध है। फूलों रंगो के साथ साथ यहां डंडों से पीटकर कर भी होली की परंपरा निभाई जाती है। पहले बरसाने और फिर नंदगांव में ये होली खेली जाती है। नवमी के दिन बरसाने में दशमी के दिन नंदगांव में नदं बाबा मंदिर में हिरयारिनें हुरियारों के साथ होली खेलते हैं। पुरुषों को हुरियारे और महिलाओं को हुरियारन कहा जाता है। ये होली सदियों से यहां खेली जा रही है।