Kanpur एनकाउंटरः आधी रात कैसे शुरू हुई मुठभेड़, कहां हुई चूक, कैसे शहीद हो गए 8 पुलिस जवान?

वीडियो डेस्क। यूपी के कानपुर में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ कैसे शुरू हुई इसे आपको सिलसिलेवार तरीके से समझाते हैं। राहुल तिवारी नामक एक व्यक्ति ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करवाया। अपराधी विकास को पकड़ने के लिए बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में चौबेपुर और बिठूर पुलिस देर रात लगभग 12.30 से 1 बजे के बीच बिकरु गांव पहुंची। लेकिन विकास दुबे ने अपने घर के रास्ते में जेसीबी लगाकर रास्ता ब्लॉक कर दिया था। पुलिस ने ये नजारा देखा तो पुलिस को ये आभास हो गया कि विकास को पहले ही पुलिस के आने की खबर लग गई है। पुलिस अपनी गाड़ियों को जेसीबी के पास छोड़कर पैदल विकास के घर की तरफ बढ़ी थी। 

/ Updated: Jul 03 2020, 04:12 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वीडियो डेस्क। यूपी के कानपुर में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ कैसे शुरू हुई इसे आपको सिलसिलेवार तरीके से समझाते हैं। राहुल तिवारी नामक एक व्यक्ति ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करवाया। अपराधी विकास को पकड़ने के लिए बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में चौबेपुर और बिठूर पुलिस देर रात लगभग 12.30 से 1 बजे के बीच बिकरु गांव पहुंची। लेकिन विकास दुबे ने अपने घर के रास्ते में जेसीबी लगाकर रास्ता ब्लॉक कर दिया था। पुलिस ने ये नजारा देखा तो पुलिस को ये आभास हो गया कि विकास को पहले ही पुलिस के आने की खबर लग गई है। पुलिस अपनी गाड़ियों को जेसीबी के पास छोड़कर पैदल विकास के घर की तरफ बढ़ी थी। लगभग रात करीब 1.15 बजे घर के पास पुलिस पहुंची गई। पुलिस को इस बात का अंदाजा नहीं था कि विकास दुबे के साथ कितने लोग हैं और कहां पर छिपे हैं। बदमाशों ने पुलिस को चारों तरफ से घेरकर ने छतों से फायरिंग करना शुरू कर दिया। लगभग 2.15 बजे तक पुलिस और बदमाशों के बीच रूक-रूक कर फायरिंग होती रही। इस मुठभेड़ में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायल पुलिसकर्मियों को लेकर रीजेंसी हॉस्पिटल पहुंचाया गया। हॉस्पिटल में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों को मृत घोषित कर दिया गया। सुबह लगभग 4 बजे दो दर्जन थाने की फोर्स, पीएसी और आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए। फॉरेंसिक टीम, डॉग स्क्वैड ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। एसएसपी, आईजी मौके पर पहुंचे। एसटीएफ तैनात कर दी गई।

आखिर कहां चूकी पुलिस

8 पुलिसकर्मियों की मौत पर एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मियों से चूक हुई है। विकास दुबे को इस बात का पता था कि पुलिस टीम में कौन-कौन शामिल रहेगा और फोर्स की संख्या कितनी हो सकती है?। इतना ही नहीं बदमाशों को ये तक पता था कि पुलिसवालों के पास कौन कौन से हथियार होंगे। यही वहज है कि विकास और उसके साथ लाठी ठंडे लेकर असहले लेकर रास्ते में खड़े हो गए। और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। विकास के घर के आसपास 100 मीटर की दूरी तक खून के धब्बे पड़े हुए हैं। जो इस पूरे घटनाक्रम को बयां कर रहे हैं।