ये है बृज की विश्वप्रसिद्ध लट्ठमार होली, रंगों और फूलों के संग जमकर बरसे लट्ठ

वीडियो डेस्क। बृज की लट्ठमार होली के बारे में तो आपने सुना ही होगा। मथुरा के बरसाने में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को बरसाने में लट्ठमार होली मनाई जाती है। नवमी के दिन यहां रंग, गुलाल के साथ लट्ठ भी बरसते हैं। ये लट्ठमार होली देश और विदेश में प्रसिद्ध है। फूलों रंगो के साथ साथ यहां डंडों से पीटकर कर भी होली की परंपरा निभाई जाती है। यहां राधा जी की जन्मस्थली बरसाने में नंदगांव के पुरुष होली खेलने जाते हैं। जिन पर बरसाने की महिलाएं प्रेम पगी लाठियां बरसाती हैं। पुरुषों को हुरियारे और महिलाओं को हुरियारन कहा जाता है। ये होली सदियों से यहां खेली जा रही है। 

/ Updated: Mar 24 2021, 12:13 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वीडियो डेस्क। बृज की लट्ठमार होली के बारे में तो आपने सुना ही होगा। मथुरा के बरसाने में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को बरसाने में लट्ठमार होली मनाई जाती है। नवमी के दिन यहां रंग, गुलाल के साथ लट्ठ भी बरसते हैं। ये लट्ठमार होली देश और विदेश में प्रसिद्ध है। फूलों रंगो के साथ साथ यहां डंडों से पीटकर कर भी होली की परंपरा निभाई जाती है। यहां राधा जी की जन्मस्थली बरसाने में नंदगांव के पुरुष होली खेलने जाते हैं। जिन पर बरसाने की महिलाएं प्रेम पगी लाठियां बरसाती हैं। पुरुषों को हुरियारे और महिलाओं को हुरियारन कहा जाता है। ये होली सदियों से यहां खेली जा रही है।