ब्रिटेन में अवैध रूप से रह रहे हैं हजारों भारतीय, जल्द ही भारत सरकार लाएगी अपने देश
भारत ने हाल ही में ब्रिटेन के साथ एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, ताकि उसे अपने अवैध प्रवासियों की वापसी की सुविधा मिल सके। अभी तक इसे लेकर कई मुद्दे उलझे हुए हैं, जिनके समाधान के लिए बातचीत की जा रही है।
भारत ने हाल ही में ब्रिटेन के साथ एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, ताकि उसे अपने अवैध प्रवासियों की वापसी की सुविधा मिल सके। अभी तक इसे लेकर कई मुद्दे उलझे हुए हैं, जिनके समाधान के लिए बातचीत की जा रही है।
नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान हजारों अवैध भारतीय प्रवासियों की वापसी के लिए जिस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, उस पर अभी चर्चा होनी है। प्रधानमंत्री राष्ट्रमंडल नेताओं से मिलने के लिए लंदन गए थे।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच जो मुद्दे हैं, उनमें मुख्य रूप से यह भारतीय चिंता शामिल है कि मानवीय पहलू को ध्यान में रखे बिना बड़ी संख्या में भारतीयों को ब्रिटेन द्वारा निर्वासित किया जा सकता है। भारत द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले सुरक्षा मुद्दों को भी संयुक्त रूप से हल करने की जरूरत है।
ब्रिटिश अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने कई वर्षों से भारत के साथ अवैध प्रवासियों के मुद्दे को उठाया है। प्रवासियों की संख्या 75,000 और 100,000 के बीच है, जो ब्रिटेन में किसी भी राष्ट्रीयता के लिए सबसे बड़ी संख्या है।