रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच जर्मनी का चीन पर सख्त रवैया सामने आया है। यहां जर्मनी ने चीन को सीधे चेतावनी दी है। साथ ही जर्मनी ने चीन को चेताया और कहा कि चीन पुतिन को हथियार न भेजे।
2021 में करीब 1,157 घंटे तक इंटरनेट बंद रहा। जिससे 4,300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। नेट बंद रहने की वजह से फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन जैसे महत्वपूर्ण काम ठप रहे और राजस्व को नुकसान उठाना पड़ा। करीब 5.9 करोड़ प्रभावित हुए।
रूस और यूक्रेन वॉर को शुरु हुए पूरे एक साल हो गए हैं। ऐसे में कई तरह के सवाल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे हैं। उसमें जो प्रमुख सवाल है, वह यही कि पिछले एक साल में इस युद्ध का असर दुनिया के बाकी देशों के रिश्तों पर कैसा पड़ा है।
चीन को लेकर अमेरिका के सुर लगातार ऊपर-नीचे हो रहे हैं। पहले जासूसी हवाई वस्तुएं यानी बलून को लेकर क्लीन चिट देने और अब रूस-यूक्रेन युद्ध में उसकी भूमिका पर अमेरिका ने चीन के फेवर में बात कही है।
UNGA ने गुरुवार (23 फरवरी) को यूक्रेन को लेकर एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अपने सहयोगियों की मदद से बनाया गया यूक्रेन का यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में 141-7 से पारित हुआ। भारत और चीन ने इस प्रस्ताव में वोटिंग नहीं की।
संयुक्त राष्ट्र महासभा(UN General Assembly) में यूक्रेन पर एक स्पेशल सेशन के दौरान जम्मू-कश्मीर का जिक्र करने के बाद भारत ने पाकिस्तान की आलोचना की है। भारत ने इस उकसावे को ‘अफसोसजनक और गलत’ करार दिया।
बिडेन ने रॉयल कैसल के बाहर जमा हजारों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन रूस के लिए कभी जीत नहीं होगा- कभी नहीं।
पश्चिम स्थानीय संघर्ष को वैश्विक संघर्ष में बदलने की कोशिश कर रहा है और हम उचित तरीके से प्रतिक्रिया देंगे। हम अपने देश के अस्तित्व के बारे में बात कर रहे हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को एक साल हो चुके हैं। इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) अचानक सोमवार 20 फरवरी को यूक्रेन के दौर पर राजधानी कीव पहुंचे। बाइडेन के इस सरप्राइजिंग दौरे से सभी हैरान रह गए।
यूएस प्रेसिडेंट जो बिडेन के यूक्रेन दौरे से रूसी इंटेलीजेंस की सबसे अधिक किरकिरी हुई है। दरअसल, रूसी इंटेलीजेंस को इसकी भनक तक नहीं लगी कि अमेरिकी राष्ट्रपति यूक्रेन के कीव पहुंच रहे हैं।