सुरक्षा से लेकर इंटीरियर और पेंटिंग तक इस तरह से खास है नया संसद भवन, पीएम नरेंद्र मोदी ने आज किया उद्घाटन
पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन रविवार 28 मई को किया गया। नए संसद भवन में सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है। 360 डिग्री रोटेट कर निगरानी करने वाले सीसीटीवी कैमरे यहां लगे हैं। इसी के साथ साइबर सिक्योरिटी का भी ख्याल रखा गया है।
दिल्ली: पीएम मोदी के द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया। नया संसद भवन तमाम खूबियों से लैस है। इसमें सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है। नए संसद भवन में आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था को स्थापित किया गया है। इसमें सीसीटीवी कैमरे से निगरानी से लेकर थर्मल इमेजिंग, आई कार्ड, सिक्योरिटी ऑपरेटिंग सिस्टम तक की आधुनिक चीजें शामिल हैं।
सुरक्षा में इन चीजों का रखा गया ध्यान
नए संसद भवन में थर्मल इमेजिंस सिस्टम लगाया गया है। इससे संसद भवन परिसर में किसी भी तरह की घुसपैठ का आसानी से पता लग सकेगा। इसी के साथ परिसर में फेस रिकग्निशन सिस्टम से लैस एडवांस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह कैमरे 360 डिग्री रोटेट कर निगरानी करेंगे। नए संसद भवन में साइबर सुरक्षा पर भी जोर दिया गया है। इसके लिए दो अलग-अलग सिक्योरिटी ऑपरेटिंग सेंटर स्थापित होंगे। इसमें से एक इंटरनेट एकीकृत नेटवर्क के लिए और दूसरा एयरगैप्ट नेटवर्क बाकी नेटवर्क से होगा।
तीन मुख्य द्वार के साथ भव्य संविधान कक्ष मुख्य आकर्षण का केंद्र
नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को दर्शान के लिए भव्य संविधान कक्ष, सांसदों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, कार्य समिति कक्ष, भोजन कक्ष और पर्याप्त पार्किंग स्थान है। त्रिकोणीय आकार में चार मंजिला इमारत 64500 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है। इसके तीन मुख्य द्वार ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार है। संसद भवन में यूपी के मिर्जापुर की कालीन, त्रिपुरा के बांस के बने फर्श, राजस्थान के पत्थर की नक्काशी का इस्तेमाल हुआ है। यह भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है। वहीं संसद में प्रयुक्त सागौन की लकड़ी को महाराष्ट्र के नागपुर से लाया गया है। जबकि लाल औऱ सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है। जबकि हरा पत्थर उदयपुर से और अजमेर के पास लाखा से लाल ग्रेनाइट और सफेदर संगमरमर अंबाजी राजस्थान से मंगवाया गया है।
सदियों पुरानी फड़ पेंटिंग का भी इस्तेमाल
नए संसद भवन में राजस्थान की सदियों पुरानी फड़ पेंटिंग भी शामिल है। यह राज्य लोक देवताओं के आख्यानों को दर्शाती है। संसद भवन में लोकतंत्र की थीन पर आधारित स्क्रॉल पेंटिंग को नेचुरल पिग्मेंट डाई जैसे इंडिगो ब्लू, पीला और अन्य रंगों का इस्तेमाल कर बनाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इसे पारंपरिक रूप से हाथ से बने मोटे सूती कपड़े पर किया जाता है। फड़ पेंटिंग बनाने के पूरी प्रक्रिया प्राकृतिक रेशों और पत्थरों, फूलों, पौधों, जड़ी बूटियों से प्राप्त प्राकृतिक पेंट का उपयोग कर पूरी की जाती है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से प्राकृतिक होती है। इसी के साथ नए संसद भवन में इंदौर में बनाई गई अशोक स्तंभ की दुर्लभ प्रतिकृति भी लगाई गई है।