दिवाली के दूसरे दिन अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाने की परंपरा है। कुछ स्थानों ये त्योहार बड़े स्वरूप में भी मनाया जाता है। इस परंपरा के पीछे श्रीकृष्ण से जुड़ी एक कथा भी है।
Govardhan Puja 2023: दिवाली उत्सव के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घर या आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसकी पूजा करते हैं। ये त्योहार मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में मनाया जाता है।
Deadly traditions of Diwali: दिवाली हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार है। इस मौके पर देश में कईं परंपराएं निभाई जाती हैं। इनमें से कुछ परंपराएं काफी खतरनाक हैं, जिसमें लोगों की जान जाने का खतरा रहता है।
Tamil Nadu Silent Diwali Tradition: दिवाली हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार है। इस दिन जहां पूरे देश में पटाखों का शोर होता है, वहीं देश के एक राज्य में कुछ स्थानों पर साइलेंट दिवाली मनाई जाती है।
Chhath Puja 2023 Date:छठ पूजा उत्तर भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये पर्व दिवाली के बाद मनाया जाता है। ये पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है। इस पर्व से कईं मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं।
Annakoot 2023 Kab Hai: कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। इस पर्व में भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने की परंपरा है। प्राचीन समय में श्रीकृष्ण को जो 56 भोग लगाए जाते थे, उनके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है।
Govardhan Puja 2023: उत्तर प्रदेश के बज्र मंडल में स्थित गोवर्धन पर्वत को साक्षात श्रीकृष्ण का ही स्वरूप माना जाता है। प्रतिदिन हजारों लोग यहां दर्शन और परिक्रमा करने आते हैं। मान्यता है कि गोवर्धन पर्वत की ऊंचाई धीरे-धीरे कम हो रही है।
Somvati Amawasya Ki Katha: इस बार दिवाली के दूसरे दिन यानी 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन शिवजी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सोमवती अमावस्या की कथा भी जरूर सुननी चाहिए।
Somvati Amavasya 2023 Upay: इस बार दिवाली के दूसरे दिन अमावस्या तिथि दोपहर तक होने से सोमवती अमावस्या का योग बन रहा है। धर्म ग्रंथों में सोमवती अमावस्या को बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन कुछ आसान उपाय भी जरूर करना चाहिए।
Why celebrate Diwali? हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है। इस बार ये पर्व 12 नवंबर, रविवार को है। ये पर्व क्यों मनाते हैं, इसके पीछे कईं कारण है। इनमें से कुछ का वर्णन धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। जानें क्यों मनाते हैं दिवाली?