86 साल बाद कोसी मिथिला का मिलन, पीएम मोदी ने दी बिहार को खास सौगात

वीडियो डेस्क। बिहार के आने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) लगातार बिहारवासियों का खास सौगात (PM Modi Gift to Bihar) दे रहे हैं। पीएम ने शुक्रवार को 516 करोड़ रुपये की लागत से बने कोसी रेल महासेतु (Kosi Rail Mega Bridge) का उद्घाटन किया। इसी के साथ कोसी और मिथिलांचल के लोगों का 86 साल पुराना सपना साकार हो जाएगा। बिहार में 1934 में आए भूकंप के दौरान कोसी नदी पर बना रेल पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। अब 86 साल बाद ये पुल तैयार हो गया है, जिसके ऊपर से ट्रेनों की आवाजाही शुरू होगी। कोसी मेगा ब्रिज लाइन परियोजना की आधारशिला 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी। करीब 17 साल बाद अब यह पुल बनकर तैयार हुआ, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया। ये ऐतिहासिक महासेतु 1.9 किलोमीटर लंबा है और इसके निर्माण में 516 करोड़ रुपये की लागत आई है। ये पुल भारत-नेपाल बॉर्डर एरिया के लिए भी बेहद अहम है। इस रेल मार्ग के जरिए मिथिला की डायरेक्ट कनेक्टिविटी उत्तर-पूर्व के राज्यों से हो जाएगी। इससे मिथिला के विकास को गति मिलेगी। 
 

/ Updated: Sep 18 2020, 02:39 PM IST

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वीडियो डेस्क। बिहार के आने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) लगातार बिहारवासियों का खास सौगात (PM Modi Gift to Bihar) दे रहे हैं। पीएम ने शुक्रवार को 516 करोड़ रुपये की लागत से बने कोसी रेल महासेतु (Kosi Rail Mega Bridge) का उद्घाटन किया। इसी के साथ कोसी और मिथिलांचल के लोगों का 86 साल पुराना सपना साकार हो जाएगा। बिहार में 1934 में आए भूकंप के दौरान कोसी नदी पर बना रेल पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। अब 86 साल बाद ये पुल तैयार हो गया है, जिसके ऊपर से ट्रेनों की आवाजाही शुरू होगी। कोसी मेगा ब्रिज लाइन परियोजना की आधारशिला 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी। करीब 17 साल बाद अब यह पुल बनकर तैयार हुआ, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया। ये ऐतिहासिक महासेतु 1.9 किलोमीटर लंबा है और इसके निर्माण में 516 करोड़ रुपये की लागत आई है। ये पुल भारत-नेपाल बॉर्डर एरिया के लिए भी बेहद अहम है। इस रेल मार्ग के जरिए मिथिला की डायरेक्ट कनेक्टिविटी उत्तर-पूर्व के राज्यों से हो जाएगी। इससे मिथिला के विकास को गति मिलेगी।