छत्तीसगढ़ नक्सली हमले का कौन है मास्टरमाइंड? इस वीडियो में जानिए उसकी पूरी कुंडली..
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए जबर्दस्त नक्सली हमले में 24 जवानों की शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया हैं। इस हमले में 31 जवान घायल भी हुए हैं. वहीं नक्सलियों का यह तांडव अब भी जारी है। इस हमले में शहीद जवानों की संख्या बढ़ने की आशंका अभी बरकरार है. देश एक बार फिर से हुए इस नक्सली हमले से दुखी है और उसके मन ये सवाल है कि आखिर इतनी बड़ी मुठभेड़ के पीछे किसकी साजिश है? और कौन है इसका मास्टरमाइंड? आपको बता दें इसका मास्टरमाइंड नक्सलियों की पिपुल्स लिब्रेशन गोरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन 1 का कमांडर हिडमा है। हिड़मा का पूरा नाम मांडवी हिडमा उर्फ इदमुल पोडियाम भीमा है। वह सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके के पुड़अती गांव का निवासी है। हिडमा दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का बड़ा नक्सल लीडर है। अनपढ़ होने को बावजूद वह न सिर्फ फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है, बल्कि कंप्यूटर का भी जानकार है। उसे गुरिल्ला वार में महारत हासिल है। उसने दो शादियां की हैं। इसकी पत्नियां भी नक्सल गतिविधियों में शामिल हैं। हिडमा के तीन भाई हैं। इनमें से मांडवी देवा और मांडवी दुल्ला गांव में खेती करते हैं। तीसरा मांडवी नंदा गांव में नक्सलियों को पढ़ाता है। हिडमा की बहन भीमे दोरनापाल में रहती है। चार साल पहले सुकमा में चलाए गए ऑपरेशन प्रहार में उसे गोली लगी थी, लेकिन बताया जाता है कि वह बच गया। उस पर 25 लाख रुपए का इनाम है। हिडमा बस्तर का रहने वाला इकलौता ऐसा आदिवासी है जो नक्सलियों की सबसे खूंखार बटालियन को लीड करता है
वीडियो डेस्क। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए जबर्दस्त नक्सली हमले में 24 जवानों की शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया हैं। इस हमले में 31 जवान घायल भी हुए हैं. वहीं नक्सलियों का यह तांडव अब भी जारी है। इस हमले में शहीद जवानों की संख्या बढ़ने की आशंका अभी बरकरार है. देश एक बार फिर से हुए इस नक्सली हमले से दुखी है और उसके मन ये सवाल है कि आखिर इतनी बड़ी मुठभेड़ के पीछे किसकी साजिश है? और कौन है इसका मास्टरमाइंड? आपको बता दें इसका मास्टरमाइंड नक्सलियों की पिपुल्स लिब्रेशन गोरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन 1 का कमांडर हिडमा है। हिड़मा का पूरा नाम मांडवी हिडमा उर्फ इदमुल पोडियाम भीमा है। वह सुकमा जिले के जगरगुंडा इलाके के पुड़अती गांव का निवासी है। हिडमा दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का बड़ा नक्सल लीडर है। अनपढ़ होने को बावजूद वह न सिर्फ फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है, बल्कि कंप्यूटर का भी जानकार है। उसे गुरिल्ला वार में महारत हासिल है। उसने दो शादियां की हैं। इसकी पत्नियां भी नक्सल गतिविधियों में शामिल हैं। हिडमा के तीन भाई हैं। इनमें से मांडवी देवा और मांडवी दुल्ला गांव में खेती करते हैं। तीसरा मांडवी नंदा गांव में नक्सलियों को पढ़ाता है। हिडमा की बहन भीमे दोरनापाल में रहती है। चार साल पहले सुकमा में चलाए गए ऑपरेशन प्रहार में उसे गोली लगी थी, लेकिन बताया जाता है कि वह बच गया। उस पर 25 लाख रुपए का इनाम है। हिडमा बस्तर का रहने वाला इकलौता ऐसा आदिवासी है जो नक्सलियों की सबसे खूंखार बटालियन को लीड करता है