कोरोना से चली गई जान, घरवाले नहीं आए कंधा देने, यूं श्मशान के सन्नाटे में जल गया शख्स

 छिंदवाड़ा के कोरोना पीड़ित किशनलाल की अंतिम यात्रा में एक भी व्यक्ति नहीं था,सिर्फ अस्पताल के तीन कर्मचारी ही थे। अंतिम संस्कार ऐसे हुआ कि बस भस्म सा कर दिया गया। 

/ Updated: Apr 05 2020, 12:16 PM IST

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वीडियो डेस्क।  छिंदवाड़ा के कोरोना पीड़ित किशनलाल की अंतिम यात्रा में एक भी व्यक्ति नहीं था,सिर्फ अस्पताल के तीन कर्मचारी ही थे। अंतिम संस्कार ऐसे हुआ कि बस भस्म सा कर दिया गया। इसके बच्चे कल तक जिन कंधों में झूला करते रहे होंगे,वे भी नहीं आए, जाने कितने लोगों को इसके मज़बूत बाजुओं का सहारा मिला होगा,वे भी नहीं आए। ये बीमारी सामान्य मौत नहीं दे रही, रिश्तों का भी बेदर्दी से गला घोंट रही है। आख़िरी सफ़र में विदा करने कोई नहीं आया। घर से अस्पताल गया शरीर लौटा सीधा श्मशान। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि ऐसी मौत आएगी कि कोई घरवाला तक कंधा देने, मुखाग्नि देने नहीं आएगा। छिंदवाड़ा के किशन लाल सेल्स टैक्स विभाग में काम करते थे । 33 साल के किशन लाल परिवार इंदौर में था, इसलिए नहीं आ पाया।