भूखे प्यासे 7 दिन तक लगातार चलते रहे... गांव पहुंचे तो उमड़ गया आंसुओं का सैलाब

वीडियो डेस्क। शाजापुर जिले के ग्राम सांपखेड़ा निवासी बाबूलाल अपने परिवार के साथ राजस्थान के जैसलमेर एवं रामदेवरा जैसे इलाकों में मजदूरी के लिए गया थे। लेकिन लॉकडाउन के चलते इन्हें कोई मजदूरी नहीं मिली और ना ही इन लोगों को शासन एवं प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की कोई सुविधा मिली। भूख प्यास से परेशान होकर यह परिवार रामदेवरा से पैदल ही अपने गांव के लिए निकल पड़ा। 

/ Updated: Apr 24 2020, 07:31 PM IST
Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वीडियो डेस्क। शाजापुर जिले के ग्राम सांपखेड़ा निवासी बाबूलाल अपने परिवार के साथ राजस्थान के जैसलमेर एवं रामदेवरा जैसे इलाकों में मजदूरी के लिए गया थे। लेकिन लॉकडाउन के चलते इन्हें कोई मजदूरी नहीं मिली और ना ही इन लोगों को शासन एवं प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की कोई सुविधा मिली। भूख प्यास से परेशान होकर यह परिवार रामदेवरा से पैदल ही अपने गांव के लिए निकल पड़ा। बाबूलाल ने बातचीत के दौरान बताया कि हम दिन रात चलते हुए 700 किलोमीटर की यह दूरी 7 दिन में तय की है। हम लोगों को जहां कोई शहरी क्षेत्र या ग्रामीण क्षेत्र पढ़ता था हम वहां लोगों से कुछ खाने को ले लेते कोई दे देता तो ठीक है नहीं तो हम आगे बढ़ जाते हैं।
7 दिन में की 700 किलोमीटर की दूरी
बाबूलाल का कहना है कि कई जगह हम लोगों को खाने के पैकेट उपलब्ध करवाए गए तो कई जगह हमें भूख प्यास से तड़पते हुए आगे बढ़ना पड़ा आखिरकार 7 दिन बाद जैसे ही इस परिवार ने शाजापुर जिले की धरती पर पांव रखा इनकी आंखों से आंसू छलक उठे। वहीं शाजापुर जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर इनका गांव सांपखेड़ा है यह लोग जा ही रहे थे कि शाजापुर जिला मुख्यालय पर टंकी चौराहा पर मौजूद पुलिस बल ने इन लोगों को रोका और इनसे पूछा तो अपनी पीड़ा सुनाते हुए बाबूलाल की आंखें छलक उठी और वह भाव विभोर हो गया। वहीं मौजूदा पुलिसकर्मियों ने इन्हें तुरंत जिला चिकित्सालय भिजवाया जहां पर इनका मेडिकल चेकअप हुआ साथ ही इनके स्कैनिंग के साथ-साथ इनके सैंपलइंग भी की गई वहीं प्रशासन ने इन्हें इन्हीं के घर में होम क्वारंटाइन कर दिया है।