जंजीरों से बंधा सिर्फ टकटकी लगाए दरवाजे पर देखता है युवक, ना कोई आस ना उम्मीद

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के ग्राम पिपरिया बरोदिया में एक युवक दस बारह साल से एक कोठरी में बंद जंजीरों से जकड़ा हुआ है। 10 वीं तक पढ़ा हुए इस युवक नाम बृजेश है। लेकिन तकदीर के आगे मजबूर ये युवक नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। 

/ Updated: Jan 09 2020, 01:25 PM IST

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वीडियो डेस्क। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के ग्राम पिपरिया बरोदिया में एक युवक दस बारह साल से एक कोठरी में बंद जंजीरों से जकड़ा हुआ है। 10 वीं तक पढ़ा हुए इस युवक नाम बृजेश है। लेकिन तकदीर के आगे मजबूर ये युवक नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। ठंड हो, बारिश हो, या गर्मी हो हर मौसम में बृजेश 24 घंटे इस कोठरी मे बंद जंजीरो से बंधा रहता है। बृजेश के साथ कोई और नहीं बल्कि इसके परिवार वाले ही इस सख्ती से पेश आते हैं। परिवार का कहना है कि बृजेश मानसिक रोगी है। ईलाज कराने पर कोई आराम नहीं मिला। बृजेश को ना अपने शरीर का होश रहता है ना अपनी सेहत का। गुस्से से पागल कभी कभी बृजेश इन जंजीरों को तोड़कर भी तांडव मचा देता है। कपड़े तक फांड देता है। ईलाज कराने पर भी कोई राहत नहीं मिली है। प्रशासन के तरफ से कोई मदद नहीं दे रहा है।