कोरोना: क्या करें कि न जाए किसी की नौकरी? अभिजीत बनर्जी ने दिया सुझाव

वीडियो डेस्क। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से बातचीत की। इस दौरान कोरोना महामारी के इकोनॉमी पर असर और उससे निपटने के उपायों पर चर्चा की गई। बनर्जी ने कहा कि कोरोना के आर्थिक असर को देखते हुए हमने अभी तक बड़ा आर्थिक पैकेज घोषित नहीं किया है। 

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वीडियो डेस्क। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से बातचीत की। इस दौरान कोरोना महामारी के इकोनॉमी पर असर और उससे निपटने के उपायों पर चर्चा की गई। बनर्जी ने कहा कि कोरोना के आर्थिक असर को देखते हुए हमने अभी तक बड़ा आर्थिक पैकेज घोषित नहीं किया है। हमने जो पैकेज दिया है वह जीडीपी के 1% के बराबर है जबकि, अमेरिका 10% तक पहुंच गया। बनर्जी का कहना है कि छोटे उद्योगों के लिए ज्यादा राहत देने की जरूरत है।
बनर्जी ने अर्थव्यवस्था से जुड़ी दो चिंताएं बताईं-
पहली- कंपनियों के दिवालिया होने के सिलसिले को कैसे रोकें? बनर्जी का कहना है कि कर्ज माफी इसका रास्ता हो सकता है।
दूसरी- बाजार में मांग नहीं है। इसे बढ़ाने के लिए गरीबों को कुछ पैसा दिया जा सकता है। उनका कहना है कि निचले तबके के 60% लोगों को थोड़ा ज्यादा पैसा देंगे तो कोई नुकसान नहीं होगा।
वहीं अभिजीत बनर्जी ने 5 सुझाव भी दिए।
1 एमएसएमई के लिए लोन पेमेंट में तीन महीने की छूट दी, यह अच्छा कदम है। लेकिन, यह भी हो सकता था कि सरकार कर्ज माफ कर खुद जिम्मेदारी ले लेती।
2 अस्थाई राशन कार्ड की व्यवस्था शुरू होनी चाहिए। मुझे लगता है कि गरीबों को देने के लिए हमारे पास पर्याप्त दाल और तेल है।
3 बहुत से गरीब लोग अभी सिस्टम में नहीं हैं। राशन के लिए आधार-बेस्ड व्यवस्था से उनकी कई दिक्कतें खत्म होंगी।
4 एनजीओ के जरिए लोगों को मदद पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों को पैसा देना चाहिए। कुछ गलतियों के लिए भी तैयार रहना चाहिए। हो सकता है कुछ पैसा जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाए।
5 जिन लोगों को सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा, उन्हें शामिल करने की कोशिश करनी चाहिए।

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