Cyclone Nisarga: 129 साल बाद खतरे की घंटी, फोन चार्ज रखें, बत्ती और गैस करें ऑफ
वीडियो डेस्क। अरब सागर से उठा डीप डिप्रेशन मंगलवार को चक्रवाती तूफान में बदल गया। महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। जो आज बुधवार को महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों से टकराएगा। इस तूफान का नाम निसर्ग है। निसर्ग भीषण रूप में रायगढ़ के हरिहरेश्वर और दमन के बीच अलीबाग के पास 120 किमी/घंटा की हवा की रफ्तार से टकरा सकता है।
वीडियो डेस्क। अरब सागर से उठा डीप डिप्रेशन मंगलवार को चक्रवाती तूफान में बदल गया। महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। जो आज बुधवार को महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों से टकराएगा। इस तूफान का नाम निसर्ग है। निसर्ग भीषण रूप में रायगढ़ के हरिहरेश्वर और दमन के बीच अलीबाग के पास 120 किमी/घंटा की हवा की रफ्तार से टकरा सकता है। वहां से होते हुए उत्तर में मुंबई, पालघर से होते हुए दक्षिण गुजरात की ओर बढ़ेगा। जानकारी के मुताबिक निसर्ग तूफान मुंबई से 160 किमी की दूरी पर है। राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की तैनाती कर दी गई है। वहीं महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित राज्य है ऐसे में अगर मुम्बई की बत्ती गुल होती है तो कोरोना मरीजों की जान खतरे में आ सकती है। मुंबई में 129 साल बाद आ रहा है ऐसा तूफान। बीएमसी का कहना है कि अपने अपने फोन चार्ज रखें और गैस और घर की बत्ती बंद कर दें।
मौसम विभाग के साइक्लोन ई-एटलस के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास साइक्लोन का खतरा मंडराया है। इससे पहले साल 1948 और 1980 में ऐसी स्थिति उत्पन्न तो हुई थी। वहीं गुजरात में 47 गांवों को खाली करा लिया गया है। 20 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।