दिल्ली चुनाव के 4 ऐसे टर्निंग पॉइंट जिन्होंने राजनीति के खेल को बना दिया पेचीदा

वीडियो डेस्क। इस बार का दिल्ली विधानसभा चुनाव बेहद ही अलग रहा। आरोप प्रत्यारोप की राजनीति तो इन चुनावों में देखी ही गई। लेकिन इसके साथ ही कुछ गितिविधियां ऐसी हुईं कि हर किसी का ध्यान दिल्ली की ओर आकर्षित हो गया। फिर चाहे धरने वर बैठीं शाहीन बाग की महिला हों या फिर जामिया में फायरिंग का मामला...ये वे मुद्दे थे जाो दिल्ली की राजनीति पर छाये रहे। इतना ही नहीं बीजेपी के तरफ से योगी आदित्यनाथ का मैदान में उतरना भी बेहद दिलचस्प रहा। लेकिन दिल्ली की राजनीति और पेचीदा तब हुई जब शाहीन बाग में गोली चली। 

/ Updated: Feb 11 2020, 10:50 AM IST

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वीडियो डेस्क। इस बार का दिल्ली विधानसभा चुनाव बेहद ही अलग रहा। आरोप प्रत्यारोप की राजनीति तो इन चुनावों में देखी ही गई। लेकिन इसके साथ ही कुछ गितिविधियां ऐसी हुईं कि हर किसी का ध्यान दिल्ली की ओर आकर्षित हो गया। फिर चाहे धरने वर बैठीं शाहीन बाग की महिला हों या फिर जामिया में फायरिंग का मामला...ये वे मुद्दे थे जाो दिल्ली की राजनीति पर छाये रहे। इतना ही नहीं बीजेपी के तरफ से योगी आदित्यनाथ का मैदान में उतरना भी बेहद दिलचस्प रहा। लेकिन दिल्ली की राजनीति और पेचीदा तब हुई जब शाहीन बाग में गोली चली। और शूटर का कनेक्शन आम आदमी पार्टी से निकला। हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बताएंगे कि कैसे दिल्ली ने चुनावों ने टर्न लिया दिल्ली की राजनीति का रुख बदला। 
शाहीन बाग   दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा कोई मुद्दा छाया रहा तो वो था शाहीन बाग। भाजपा ने लगातार इसी मुद्दे पर अपना चुनाव लड़ा। वहीं, केजरीवाल इस मुद्दे से बचते दिखे। हालांकि, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि वे शाहीन बाग का समर्थन करते हैं। इसके बाद से भाजपा और आप एक दूसरे को शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराते रहे। पीएम मोदी ने एक रैली में कहा था कि नागरिकता कानून को लेकर जामिया, शाहीन बाग और सीलमपुर में कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं। यह प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग हैं? नहीं है। इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजायन है, जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने वाला है।
जामिया में फायरिंग 
30 जनवरी को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर एक शख्स ने गोली चला दी। युवक नाबागिल था। इन गोलीकांड ने राजानीति के रुख के बदल दिया। नाबालिग ने उस वक्त गोलाई थी जब जामिया के छात्र यूनिवर्सिटी से राजघाट तक सीएए के विरोध में मार्च निकालने वाले थे। इस फायरिंग के बाद दिल्ली की राजनीति में ऐसा मोड़ आया कि मुद्दों से भटकर आरोप प्रत्यारोप पर अटक गया। 
शाहीन बाग शूटर का आप कनेक्शन
जामिया में शूटिंग के कुछ ही दिन बाद शाहीन बाग में भी फायरिंग की गई। शाहीन बाग में फायरिंग करने वाले कपिल गुर्जर पर आम आदमी पार्टी घिरती नजर आई। पुलिस ने पड़ताल में पाया कि कपिल गुर्जर ने अपने पिता के साथ आम आदमी पार्टी ज्वाइंन की थी। पार्टी ज्वाइंन करते हुए कपिल गर्जर के कई फोटो भी सामने आए। लेकिन आम आदमी पार्टी लगातार इस बात का खंडन करती रही। 
योगी का मैदान में उतरना
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की गिनती भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारकों में होती है। दिल्ली का शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन को बीजेपी में इन चुनावों में मुद्दा बनाया। योगी आदित्यनाथ ने जामिया शाहीनबाग से चुनाव प्रचार की शुरूआत की। उनके आक्रामक रुख और बयानबाजी से राजनीति में एक नया मोड़ आया। जिसमें केजरीवाल पर शाहीन बाग को लेकर आरोप लगाए गए वहीं हनुमान चालीसा की राजनीति भी भुनाई गई।