तिरंगे में लिपटे बेटे को छूना चाहते थे माता पिता, घर से श्मशान तक सुनाई पड़ी रोने की आवाज
सियाचिन में उत्तरी ग्लेशियर के पास 19000 फीट की ऊंचाई पर सोमवार को हुए हिमस्खलन में चार जवान शहीद हो गए थे। इस हिमस्खलन में हिमाचल के मनीष ठाकुर भी शहीद हुए हैं।
सोलन. सियाचिन में उत्तरी ग्लेशियर के पास 19000 फीट की ऊंचाई पर सोमवार को हुए हिमस्खलन में चार जवान शहीद हो गए थे। इस हिमस्खलन में हिमाचल के मनीष ठाकुर भी शहीद हुए हैं। मनीष ठाकुर 22 साल के थे, वे दो साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे।
मनीष सोलन के कुनिहार के रहने वाले थे। मनीष दो भाईयों में छोटे थे। मनीष ठाकुर का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके गृह जनपद पहुंची। तिरंगे में लाडले को लिपटा देख पूरे गांव के आंखों में आंसू थे। पिता और मां का रो-रोकर बुरा हाल था। मनीष को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
चार दिन बाद घर आने वाले थे मनीष
मनीष अविवाहित थे। वे चार दिन बाद छुट्टी पर घर आने वाले थे। उन्होंने इस बारे में अपने परिजनों को भी जानकारी दी थी। इसके बाद से परिजन काफी खुश थे। लेकिन मनीष तो घर नहीं लौटे, उनके शहादत की खबर जरूर आ गई।