2 छात्राओं को जबरन चर्च ले गई थी टीचर, अब बच्चों के लिए केरल सरकार ने बनाया नियम
पलक्कड़ में दो छात्राओं ने शिकायत की कि वडक्कानचेरी चेरुपुस्पम गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की हेड मिस्ट्रेस उन्हें प्रार्थना के लिए चर्च ले गई थीं। उन्होंने जब प्रार्थना में भाग लेने से इनकार कर दिया, तो उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई।
सामान्य शिक्षा निदेशालय ने एक परिपत्र जारी किया है कि केरल के शिक्षा नियमों के अनुसार, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल या सरकार से अनुदान प्राप्त करने वाले स्कूल में या इसके आसपास के क्षेत्र में धार्मिक अनुष्ठानों में छात्रों को भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इसके लिए छात्र के माता-पिता या अभिभावक की अनुमति जरूरी होगी।
यह सर्कुलर केरल स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के एक आदेश के मद्देनजर आया है। कमीशन के चेयरपर्सन पी. सुरेश और सदस्य के. नजीर का यह आदेश तब आया जब पलक्कड़ में दो छात्राओं ने शिकायत की कि वडक्कानचेरी चेरुपुस्पम गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की हेड मिस्ट्रेस उन्हें प्रार्थना के लिए चर्च ले गई थीं। उन्होंने जब प्रार्थना में भाग लेने से इनकार कर दिया, तो उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई।
पलक्कड़ जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने आयोग को सौंपी एक रिपोर्ट में कहा कि प्रार्थना में भाग लेने के लिए ले जाए जाने वाले अधिकांश छात्र ईसाई थे, जबकि अन्य के लिए यह नैतिक शिक्षा थी। रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चों को ईसाई प्रार्थनाओं में भाग लेने के लिए ले जाया गया था।