16 दिन में उजड़ गया सुहाग, फिर भी चिता पर जाकर बोली वीरांगना, 'मुझे इन पर गर्व है'
8 दिसंबर को शादी और 24 दिसंबर को विधवा हुई पूनम को अपने पति की शहादत पर गर्व है। बेशक पति की चिता पर वो फूट-फूटकर रो रही थी, लेकिन वो बार-बार यही कहती रही कि उसे अपने पति पर गर्व है।
भरतपुर, राजस्थान. 22 वर्षीय सौरभ कटारा जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में 23-24 दिसंबर की रात हुए ग्रेनेड हमले में शहीद हो गए थे। गुरुवार को पैतृक गांव बरौली ब्राह्मण में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनकी पत्नी पूनम की आंखों से लगातार आंसू बहते रहे। उसे 16 दिन की सुहागिन होने का दुख था, लेकिन पति की बहादुरी पर गर्व भी। वीरांगना ने भी अपने पति की अर्थी को कंधा दिया। 28 राष्ट्रीय राइफल के जवान सौरभ की 8 दिसंबर को पूनम से शादी हुई थी। इसी दिन उसके बड़े भाई गौरव की पूजा से शादी हुई थी। इससे पहले 23 नवंबर को उसकी बहन दीपक की शादी भी हुई थी। दीपक तीनों भाइयों की इकलौती बहन है। यानी पूरे परिवार में खुशियां छाई हुई थीं। इसी बीच 14 दिसंबर को सौरभ को वापस ड्यूटी पर लौटना पड़ा। सबसे दुखद बात यह कि 25 दिसंबर को सौरभ का जन्मदिन था। यानी जन्मदिन के एक दिन पहले वो दुनिया से विदा हो गया। वहीं, जन्मदिन पर परिवार को उसके शहीद होने की खबर मिली। शहीद के पिता भी नरेश कटारा भी 2002 में आर्मी से रिटायर हुए हैं। वे 1999 में कारगिल युद्ध लड़ चुके हैं। शहीद का बड़ा भाई गौरव किसान है। परिजनों ने बताया कि सौरभ 20 नवंबर को अपने गांव आए थे। इस दौरान बहन की शादी हुई और फिर उसकी खुद। MBBS कर रहे छोटे भाई अनूप ने कहा कि उसे अपने भाई पर गर्व है। अब मैं भी आर्मी में जाना चाहूंगा।