13 नवंबर से 12 दिसंबर तक नदी या तालाब में है नहाने की परंपरा, जानें वजह
वीडियो डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार 13 नवंबर से अगहन मास शुरू हो चुका है, जो 12 दिसंबर तक रहेगा। इस महीने से जुड़ी कई परंपराएं भी हैं। उन्हीं में से एक है इस महीने में रोज सुबह नदी या तालाब में स्नान करना। अगहन मास में नदी स्नान का धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व भी है। बताते हैं आपकोअगहन मास में है नदी स्नान की परंपर से क्या लाभ होते हैं।
वीडियो डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार 13 नवंबर से अगहन मास शुरू हो चुका है, जो 12 दिसंबर तक रहेगा। इस महीने से जुड़ी कई परंपराएं भी हैं। उन्हीं में से एक है इस महीने में रोज सुबह नदी या तालाब में स्नान करना। अगहन मास में नदी स्नान का धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व भी है। बताते हैं आपकोअगहन मास में है नदी स्नान की परंपर से क्या लाभ होते हैं।
- अगहन मास को रोग दूर करने वाला कहा गया है। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण इस मास का अनुकूल वातावरण है।
- वर्षा ऋतु में आसमान बादलों से ढंका रहता है। ऐसे में कई सूक्ष्मजीव पनपते हैं और रोग फैलाते हैं।
- इसके बाद जब शरद ऋतु आती है तो आसमान साफ हो जाता है और सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर आती हैं, जिससे रोगाणु खत्म हो जाते हैं और मौसम स्वास्थ्य के लिए अनुकूल हो जाता है।
- ताजी हवा, सूर्य की पर्याप्त रोशनी शरीर को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाती है।
- सुबह उठकर नदी में स्नान करने से ताजी हवा शरीर में स्फूर्ति लाती है।