अष्टमी तिथि: महाअष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा, जानें विधि, मंत्र, भोग और महत्व

वीडियो डेस्क। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौरा है। इनकी चार भुजाएं हैं। वाहन बैल है। देवी के दाहिने ओर के ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। बाएं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है। इनका स्वभाव अति शांत है। मां महागौरी के प्रसन्न होने पर भक्तों को सभी सुख स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं। 

/ Updated: Oct 23 2020, 07:12 PM IST
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वीडियो डेस्क। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौरा है। इनकी चार भुजाएं हैं। वाहन बैल है। देवी के दाहिने ओर के ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। बाएं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है। इनका स्वभाव अति शांत है। मां महागौरी के प्रसन्न होने पर भक्तों को सभी सुख स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं। 

इस विधि से करें देवी महागौरी की पूजा

सबसे पहले माता महागौरी का ध्यान मंत्र के द्वारा ध्यान कर आव्हान करें। व्रत और पूजन का संकल्प ले और पूजा करें। वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा माता महागौरी सहित समस्त स्थापित देवताओं की पूजा करें।  आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, फूल फल,  धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। मां महागौरी को नारियल का भोग लगाएं।