रा‌वण को कैसे मिली सोने की लंका, कितने दिनों में बना था रामसेतु? जानें रोचक बातें

5 अक्टूबर को विजय दशमी का पर्व मनाया जाएगा। अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है दशहरे का त्योहा। भगवान श्री राम ने रावण का वध कर पृथ्वी को पाप मुक्त किया था। रामायण में रावण से जुड़ी कई रोचक बातें बताई गई हैं 

/ Updated: Oct 04 2022, 04:28 PM IST

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5 अक्टूबर को विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा। बुराई पर अच्छाई के प्रतीक दशमी के दिन रावण का पुतला दहन किया जाता है। रामायण में रावण से जुड़े कुछ रोचक बातें बताई गई हैं। आइये जानते हैं कि कैसे बना था रामसेतु, किसकी थी सोने की लंका।  

1. इंद्र ने भेजा था श्रीराम के लिए रथ
जिस समय राम-रावण का अंतिम युद्ध चल रहा था, उस समय इंद्र ने अपना रथ श्रीराम के लिए भेजा था। उस रथ पर बैठकर ही श्रीराम ने रावण को मारा था। 

2. कुबेर की थी सोने की लंका
रामायण के अनुसार, रावण जिस सोने की लंका में रहता था वह लंका पहले रावण के भाई कुबेर की थी। रावण ने विश्व विजय के दौरान कुबेर से सोने की लंका तथा पुष्पक विमान छीन लिया।

3. क्यों श्रीराम के हाथों मरा रावण?
रघुवंश में एक परम प्रतापी राजा अनरण्य हुए थे। विश्वविजय के दौरान रावण ने अनरण्य को मार डाला। मृत्यु से पहले उन्होंने रावण को श्राप दिया कि मेरे ही वंश में उत्पन्न एक युवक तेरी मृत्यु का कारण बनेगा।

4.  जब यमराज से भिड़ गया था रावण
विश्व विजय के दौरान रावण यमलोक भी पहुंचा। जहां यमराज से उसका युद्ध हुआ। यमराज ने रावण के प्राण लेने के लिए कालदण्ड का प्रयोग करना चाहा लेकिन ब्रह्मा जी ने उन्हें रोक दिया क्योंकि किसी देवता द्वारा रावण का वध संभव नहीं था।
5. पांच दिन में बना था रामसेतु
 रामायण के अनुसार, समुद्र पर पुल बनाने में 5 दिन का समय लगा। पहले दिन वानरों ने 14 योजन, दूसरे दिन 20 योजन, तीसरे दिन 21 योजन, चौथे दिन 22 योजन और पांचवे दिन 23 योजन पुल बनाया था। इस प्रकार कुल 100 योजन लंबाई का पुल समुद्र पर बनाया गया। यह पुल 10 योजन चौड़ा था।