चैत्र नवरात्र: जानें घट स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और अखण्ड ज्योति का महत्व

वीडियो डेस्क। मां शक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि इस बार 25 मार्च, बुधवार से शुरू हो रही है, जो 2 अप्रैल, गुरुवार तक रहेगी। नवरात्रि के पहले दिन माता दुर्गा की प्रतिमा तथा घट (कलश) की स्थापना की जाती है।

/ Updated: Mar 24 2020, 09:23 PM IST

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वीडियो डेस्क। मां शक्ति की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि इस बार 25 मार्च, बुधवार से शुरू हो रही है, जो 2 अप्रैल, गुरुवार तक रहेगी। नवरात्रि के पहले दिन माता दुर्गा की प्रतिमा तथा घट (कलश) की स्थापना की जाती है। इसके बाद ही नवरात्रि उत्सव का प्रारंभ होता है। इससे सुख-समृद्धि और धन लाभ के योग बनते हैं। इस बार ब्रह्म योग में घट स्थापना की जाएगी।

माता दुर्गा व घट स्थापना की विधि इस प्रकार हैं...

  • पवित्र स्थान की मिट्टी से वेदी बनाकर उसमें जौ, गेहूं बोएं। फिर उनके ऊपर तांबे या मिट्टी के कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर माता की मूर्ति या चित्र रखें।
  • मूर्ति अगर कच्ची मिट्टी से बनी हो और उसके खंडित होने की संभावना हो तो उसके ऊपर उसके ऊपर शीशा लगा दें।
  • मूर्ति न हो तो कलश पर स्वस्तिक बनाकर दुर्गाजी का चित्र पुस्तक तथा शालिग्राम को विराजित कर भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • नवरात्रि व्रत के आरंभ में स्वस्तिक वाचन-शांतिपाठ करके संकल्प करें और सबसे पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा कर मातृका, लोकपाल, नवग्रह व वरुण का सविधि पूजन करें। फिर मुख्य मूर्ति की पूजा करें।
  • दुर्गा देवी की पूजा में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की पूजा और श्रीदुर्गासप्तशती का पाठ नौ दिनों तक प्रतिदिन करना चाहिए।

ये हैं घट स्थापना के शुभ मुहूर्त...

  • सुबह 06.00 से 06.57 तक (श्रेष्ठ मुहूर्त)
  • सुबह 07.30 से 09.00 तक- अमृत
  • सुबह 10.30 से दोपहर 12.00 तक- शुभ
  • सुबह 10.47 से दोपहर 12.17 तक- अमृत
  • दोपहर 04.30 से 06.00 तक- लाभ