गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा से खुद सुनिए उनके संघर्ष की कहानी, पिता करते थे खेतों में काम, वही हैं मेरे हीरो
वीडियो डेस्क। टोक्यो ओंलपिक में भारत के नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। जेवलिन थ्रो के फाइनल में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल हासिल किया है। उन्होंने पहले अटैम्प्ट में 87.03 मीटर और दूसरे मीटर में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका है। नीरज ने क्वालिफाइंग राउंड में 86.65 मीटर थ्रो किया था और अपने ग्रुप में पहले नंबर पर रहे थे।
वीडियो डेस्क। टोक्यो ओंलपिक में भारत के नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। जेवलिन थ्रो के फाइनल में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल हासिल किया है। उन्होंने पहले अटैम्प्ट में 87.03 मीटर और दूसरे मीटर में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका है। नीरज ने क्वालिफाइंग राउंड में 86.65 मीटर थ्रो किया था और अपने ग्रुप में पहले नंबर पर रहे थे। ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स यानी एथलेटिक्स में आज तक कोई भारतीय मेडल नहीं जीत पाया था। नीरज चोपड़ा पहले भारतीय हैं जिन्होंने भारत को गोल्ड दिलाया है। नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में एक किसान के घर पर हुआ था। शुरुआत में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन खिलाड़ी ने अपनी कड़ी मेहनत का लोहा मनवाया और ना सिर्फ एक शानदार एथलीट बनें, बल्कि सरकारी नौकरी भी हासिल की। नीरज ने 2016 में पोलैंड में हुए IAAF वर्ल्ड U-20 चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता था। इसके बाद उन्हें आर्मी में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी।