आखिर क्यों फटते हैं बादल, क्यों अपने साथ लेकर आते हैं तबाही
वीडियो डेस्क। पहाड़ी इलाकों में मानसून के दौरान सबसे ज्यादा खबरें बादल फटने की आ रही हैं। बादल फटने से भारी तबाही मचती है। जान और माल दोनों का भारी नुकसान होता है। क्या आप जानते हैं क्या होता है बादल फटना और क्यों फटते हैं बादल आइये आपको बताते हैं। बादल फटना बारिश का चरम रूप होता है।
वीडियो डेस्क। पहाड़ी इलाकों में मानसून के दौरान सबसे ज्यादा खबरें बादल फटने की आ रही हैं। बादल फटने से भारी तबाही मचती है। जान और माल दोनों का भारी नुकसान होता है। क्या आप जानते हैं क्या होता है बादल फटना और क्यों फटते हैं बादल आइये आपको बताते हैं। बादल फटना बारिश का चरम रूप होता है। बादल फटने के कारण भीषण बारिश का सामना करना पड़ता है। जिस इलाके में बादल फटने की घटना घटित होती है वहां काफी कम समय में मूसलाधार से भी तेज बारिश होती है। जिससे बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। बादल फटने की घटना अक्सर धरती से करीब 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर देखने को मिलती है। बादल फटने की इस प्रक्रिया को आप पानी से फटे गुब्बारे से समझ सकते हैं। जैसे पानी से भरा गुब्बारा फटता है तो एक ही जगह पानी गिरता है। ठीक वैसे ही बादल फटने की स्थिति होती है।जिसे 'क्लाउडबर्स्ट' या 'फ्लैश फ्लड' भी कहा जाता है। बादल फटने की घटना तब होती है जब भारी मात्रा में नमी वाले बादल एक जगह इक्कठा हो जाते हैं। ऐसा होने से वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में एक साथ मिल जाती हैं। बूंदों का भार इतना ज्यादा हो जाता है कि बादल की डेंसिटी बढ़ जाती है और तेज बारिश शुरू हो जाती है। आप सोच रहे होंगे कि पहाड़ों पर ही बादल क्यों फटते हैं। तो आपको बता दें कि जब पानी से भरे बादल आगे बढ़ते हैं को पहाड़ों से टकराकर वहीं रास्ते में फंस जाते हैं और फिर पानी के रूप में बरसते हैं।