साक्षात हनुमत स्वरूप है बजरंग बाण का पाठ...रोज पढ़ने से खत्म हो जाते हैं दुख दर्द और दरिद्रता
वीडियो डेस्क। हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्रों, स्तुतियों और आरती आदि की रचना की गई है। उन्हीं में से एक है बजरंग बाण मान्यता है कि इसकी रचना तुलसीदासजी ने की है। बजरंग बाण का पाठ रोज विधि-विधान से करना चाहिए। अगर ये संभव न हो तो सिर्फ मंगलवार को भी बजरंग
वीडियो डेस्क। हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्रों, स्तुतियों और आरती आदि की रचना की गई है। उन्हीं में से एक है बजरंग बाण मान्यता है कि इसकी रचना तुलसीदासजी ने की है। बजरंग बाण का पाठ रोज विधि-विधान से करना चाहिए। अगर ये संभव न हो तो सिर्फ मंगलवार को भी बजरंग बाण का पाठ किया जा सकता है। बजरंग बाण का पाठ कैसे करें, जानिए...
इस विधि से करें बजरंग बाण का पाठ
सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर एक लाल कपड़े पर हनुमान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
हनुमानजी को अबीर, गुलाल आदि चढ़ाएं और लाल फूल अर्पित करें। गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं तो पाठ के अंत तक जलता रहे।
घर में बने शुद्ध घी के चूरमे का भोग लगाएं। अगर संभव न हो तो गुड़-चने का भोग भी लगा सकते हैं।
इसके बाद बजरंग बाण का पाठ करना शुरू करें। पाठ समाप्त होने पर हनुमानजी के कष्टों का निवारण करने के लिए प्रार्थना करें।
जिस घर में बजरंग बाण का पाठ होता है, वहां नेगेटिव एनर्जी नहीं टिक पाती और पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।
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