आवारा कुत्तों का शिकार बनी 5 साल की मासूम बच्ची, खेत में लाश मिलने के बाद जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे परिजन
सहारनपुर में 5 साल की मासूम को आवारा कुत्तों के झुंड ने नोच-नोच कर मार डाला। जिसकी खेत में लाश मिली। परिजनों के साथ ग्रामीणों ने आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए इस तरह के घटनाओं पर अंकुश लगाने की मांग की।
सहारनपुर के चिलकाना थाना क्षेत्र के बुड्ढाखेड़ा गांव में रविवार की शाम आवारा कुत्तों के झुंड ने पांच साल की एक बच्ची को नोच-नोच कर मार डाला। मिली जानकारी के अनुसार, खेत में से बच्ची का सिर्फ हड्डियों का ढांचा ही मिल सका है। वहीं, बच्ची के परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया है।
चिलकाना क्षेत्र के बुड्ढाखेड़ा गांव निवासी जावेद अहमद अपने घर से अपनी दुकान के लिए निकला था। तभी उसके पीछे-पीछे उसकी पांच वर्षीय बेटी शिफा भी चली आई। खबर है कि जावेद को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसकी बेटी उसके पीछे चली आई थी। बच्ची जैसे ही गांव से बाहर की और एक खेत तक पहुंची, तो आवारा कुत्तों ने उस पर हमला बोल कर उसको नोच-नोच कर मार डाला।
इसके बाद रात को जावेद जब घर लौटा, तो उसने घर पर बच्ची को न पाकर उसके विषय में पूछा। घर वालों ने बताया कि शिफा उसके पीछे-पीछे निकल गई थी। यह जानकारी मिलने पर शिफा की तलाश शुरू की गई, जिसके बाद गांव के बाहर एक खेत में उसका शव मिला। बच्ची की ऐसी हालत देखकर जावेद के परिवार में कोहराम मच गया। जावेद और उसके परिजनों ने शिफा का रविवार को अंतिम संस्कार किया।
सहारनपुर में आवारा कुत्तों के आतंक की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कुत्तों द्वारा बच्चों पर हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। मगर जिला प्रशासन ने अभी तक इस पर कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिसके बाद आज बच्ची के परिजन वह ग्रामीण सहारनपुर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे जिलाधिकारी को एक ज्ञापन के माध्यम से आवारा कुत्तों पर काबू करने वह ग्रामीणों की जान बचाने के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई। उनमें कहा कि जिस तरीके से आवारा जानवर बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं और आगे बच्चों को शिकार ना बनाएं इसको लेकर ठोस कदम उठाया जाए।