अवध विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल, VC रवि शंकर सिंह ने अपने ओएसडी को ही बना दिया टॉपर

अयोध्या के राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह पर बड़े आरोप लग रहे हैं। आरोप हैं कि विश्वविद्यालय में कुलपति का पदभार ग्रहण करने के साथ ही वह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से अपने एक परिचित डॉ. शैलेन्द्र सिंह को भी साथ लाए थे। 

/ Updated: Apr 06 2022, 03:04 PM IST
Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

अयोध्या: उत्तर प्रदेश में अयोध्या के राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह पर बड़े आरोप लग रहे हैं। आरोप हैं कि विश्वविद्यालय में कुलपति का पदभार ग्रहण करने के साथ ही वह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से अपने एक परिचित डॉ. शैलेन्द्र सिंह को भी साथ लाए थे। इसके बाद उन्होंने शैलेन्द्र को नियम विरुद्ध जाकर अपना ओएसडी बनाया और अब नियम विरुद्ध तरीके से प्रो. सिंह ने डॉ. शैलेन्द्र को विश्वविद्यालय में नियुक्ति दिला दी है।

सूत्रों की मानें तो डॉ. शैलेन्द्र और प्रो. सिंह की मिली भगत से विश्वविद्यालय नियुक्तियों में भी बड़ा खेल हो रहा है। नियुक्तियों में किस स्तर का भ्रष्टाचार व्याप्त है, इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि विश्वविद्यालय में एक नियमित नियुक्ति के लिए पहले कुलपति प्रो. सिंह ने नियमों में बदलाव करते हुए विज्ञापन निकलवाया और फिर अपने ओएसडी को ही टॉप करवा दिया।

जानकारी के मुताबिक, विश्वविद्यालय के प्रौढ़ शिक्षा एवं अंबेडकर अध्ययन केंद्र के लिए हुई परीक्षाओं में कुलपति के ओएसडी डॉ. शैलेन्द्र सिंह टॉप कर गए। खास बात यह है कि अंबेडकर अध्ययन केंद्र अर्थशास्त्र विभाग के अंतर्गत आता है, और इसका भूगोल विषय से कोई लेनादेना नहीं है। फिर भी इस पोस्ट के लिए निकाले गए विज्ञापन में भूगोल विषय सिर्फ इसलिए जोड़ा गया ताकि शैलेन्द्र टॉप कर सकें।

आपको बता दें कि किसी भी विश्वविद्यालय में इस तरह का चयन प्रक्रिया का सीधा संबंध कुलपति कार्यालय से होता है। परीक्षा एजेंसी से लेकर नियुक्ति के लिए एक्सपर्ट तक यहीं से तय होते हैं। ऐसे में ओएसडी होते हुए इस पूरे सिस्टम को आंख दिखाना कोई बड़ी बात नहीं। वहीं इस पूरे मामले पर कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह से बात करने की कई बार कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।